लगभग सात साल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनका पसंद का मुख्य सचिव मिला है, यह उनके भविष्य में बढ़ते हुए कद को बताता है.आपको बता दें इससे पहले दुर्गा शंकर मिश्रा यूपी के मुख्य सचिव थे। हालाँकि उनके कार्यकाल का दोबारा विस्तार नहीं किया।
जानिए कौन हैं IAS मनोज कुमार सिंह
मनोज कुमार मूल रूप से झारखंड के राँची के रहने वाले हैं। उनकी गिनती तेज़-तर्रार अफसरों में की जाती हैं। वे जुलाई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। अभी तक उनके पास आइआइडीसी, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, सीईओ यूपीडा जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी।
योगी की राह आसान
2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को सबसे अधिक सीटों का नुकसान यूपी में हुआ था. जब इन चुनावों की समीक्षा की गयी तब पता चला की बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं के वोटर लिस्ट में नाम तक नहीं थे. कई जगह पर जिलाधिकारियों का भी सहयोग नहीं मिला। इन सब को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की जम कर आलोचना हुई. विरोधी उन पर यहाँ तक आरोप लगाने लगे की केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच तनातनी चल रही है। राज्य सरकार नें कई बार अपने पसंद के मुख्य सचिव का नाम केंद्र को भेजा लेकिन केंद्र सरकार नाम को मंजूरी नहीं देती थी.
विपक्ष को मिला जवाब
समूचे विपक्ष को एक जवाब मिल गया है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच सब कुछ सामान्य है. भविष्य में योगी आदित्यनाथ का कद और बढ़ने वाला है.इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास अफसरों में से एक मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाना एक और संदेश है कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव तक योगी फुल पावर में रहने वाले है.
मनोज कुमार सिंह के बारे में कहा जाता है कि ‘डिलीवरी ऑन टाइम’ के सीएम योगी के मंत्र को मनोज कुमार सिंह ने आत्मसात कर लिया है. वर्तमान में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसे नीतिगत विषयों से जुड़े दो अति महत्वपूर्ण पदों का दायित्व संभाल रहे मनोज कुमार सिंह अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, खाद्य प्रसंस्करण, यूपीडा और उपशा के चेयरमैन तथा पिकप अध्यक्ष जैसे प्रदेश के विकास को गति देने वाले अति वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं.