Yoga asana done in a different style in MP: मध्यप्रदेश में भी 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर योगाभ्यास का आयोजन किया गया। योग साधकों ने इसे विशेष बनाने के लिए अलग अंदाज में किया। किसी ने प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ में योगाभ्यास किया तो किसी ने उज्जैन की क्षिप्रा नदी में योग के आसन किए। हालांकि, प्रदेश में मानसून की आमद के बाद रात से ही बारिश का दौर शुरू हो गया जो सुबह तक जारी रहा। ऐसे में बारिश की वजह से कहीं कार्यक्रम देरी से शुरू हुए तो कहीं आयोजन के लिए पूर्व निर्धारित जगह बदलनी पड़ी।
राजधानी भोपाल में मुख्य कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास पर हुआ। यहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्यस्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम और श्री अन्न संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, योग मतलब मन को आत्मा से जोड़ना है। यह जुड़ाव आत्मा का चेतना से, सार्वभौमिकता से है। योग के माध्यम से शरीर को निरोग रखने के लिए शारीरिक दक्षता की आवश्यकता है। इस दक्षता के साथ आहार पर भी ध्यान देना जरूरी है। श्री अन्न अर्थात मोटे अन्न के माध्यम से हमें यह दक्षता मिलती है। इसलिए अपने भोजन में हमें मोटे अनाज को नियमित रूप से शामिल करने की जरूरत है। इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने स्कूल और उच्च शिक्षा में राम और कृष्ण के भी पाठ पढ़ाए जाने पर जोर दिया।
बतादें कि संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में 21 जून के दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। तब से इसे हर साल अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है। 2024 के लिए योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी’ रही।