Worms in the Food of Rewa Hostel: झिरिया अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास के छात्रों ने आरोप लगाया कि मेस में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता और अक्सर गंदा व खराब खाना परोसा जाता है, जिससे उनकी सेहत खतरे में है। एक छात्र ने बताया, “उस दिन 30 बच्चों के लिए खाना बना था, जिसमें से तीन बच्चों ने खाना खाने के बाद तबीयत बिगड़ने की शिकायत की।”
रीवा शहर के झिरिया अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। छात्रावास के मेस में परोसे गए खाने में कीड़ा मिलने के बाद तीन बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। सोमवार देर रात उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत के बाद तीनों बच्चों को रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। फिलहाल सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है। मामले पर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जांच के आदेश दिए हैं।
छात्रों का आरोप: बार-बार हो रही लापरवाही
छात्रों ने आरोप लगाया कि मेस में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता और अक्सर गंदा व खराब खाना परोसा जाता है, जिससे उनकी सेहत खतरे में है। एक छात्र ने बताया, “उस दिन 30 बच्चों के लिए खाना बना था, जिसमें से तीन बच्चों ने खाना खाने के बाद तबीयत बिगड़ने की शिकायत की।” एक अन्य छात्र ने नाराजगी जताते हुए कहा, “आखिर कब तक हमें कीड़े वाला खाना खाने को मजबूर किया जाएगा? हर बार लापरवाही हो रही है।” छात्रों के मुताबिक, छात्रावास में कुल 150 बच्चे रहते हैं, और उस दिन लगभग 27 बच्चों ने खाना खाया था।
एबीवीपी ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल निलंबन की मांग की है। एबीवीपी के नगर मंत्री हर्ष साहू ने कहा, “जिले के अधिकांश शासकीय छात्रावासों में ऐसी स्थिति बनी हुई है। यह छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ है। दोषियों को चिह्नित कर तुरंत निलंबित किया जाए। विद्यार्थी परिषद ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।”
प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जांच के आदेश दिए हैं। छात्रावास के वार्डन ने घटना की पुष्टि करते हुए भविष्य में ऐसी लापरवाही न होने का आश्वासन दिया है।