The richest temple in the world: साल दर साल तिरुपति ट्रस्ट की एफडी में बढ़ोतरी हो रही है. 2013 में 608 करोड़, 2014 में 970 करोड़, 2015 में 961 करोड़, 2016 में 1153 करोड़, 2017 में 774 करोड़, 2018 में 501 करोड़ की एफडी हुई थी। पिछले 12 सालों में पहली बार कोरोना काल में एफडी की राशि घट गई थी. 2019 में 285 करोड़, 2020 में 753 करोड़ की एफडी कराई थी.
The richest temple in the world: दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थान ने इस साल 1161 करोड़ रुपए की एफडी कराई है. यह ट्रस्ट दुनिया का सबसे अमीर ट्रस्ट है. रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट देश का एकमात्र हिंदू धार्मिक ट्रस्ट है, जो पिछले 12 सालों में साल दर साल लगातार 500 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की रकम जमा कर रहा है.
2012 तक ट्रस्ट का फिक्स डिपॉजिट 4820 करोड़ रुपए था. इसके बाद ट्रस्ट ने 2013 से 2024 के बीच 8467 करोड़ रुपए की रकम जमा की है. यह देश के किसी भी मंदिर ट्रस्ट के लिए सबसे ज्यादा है. ट्रस्ट की बैंकों में कुल एफडी 13,287 करोड़ रुपए हो गई है. इसके अलावा मंदिर ट्रस्ट की ओर से संचालित कई ट्रस्ट जिसमें श्री वेंकटेश्वर नित्य अन्नप्रसादम ट्रस्ट, श्री वेंकटेश्वर प्राणदानम ट्रस्ट आदि हैं, जिन्हे भक्तों से पर्याप्त दान मिलता है। उनकी लगभग 5529 करोड़ रुपए की एफडी हो गई है.
18817 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस
The richest temple in the world: सभी बैंकों और ट्रस्टों में तिरुपति ट्रस्ट की नकदी 18817 करोड़ रुपए तक हो गई है, जो कि इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी रकम है. ट्रस्ट अपनी एफडी पर ब्याज के रूप में सालाना लगभग 1,600 करोड़ रुपए की जमा राशि कमाता है. इसके अलावा हाल ही में 1,031 किलोग्राम सोने की जमा के बाद, बैंकों में मंदिर का सोना भंडार भी बढ़कर 11,329 किलोग्राम हो गया है.
साल दर साल तिरुपति ट्रस्ट की एफडी में बढ़ोतरी हो रही है. 2013 में 608 करोड़, 2014 में 970 करोड़, 2015 में 961 करोड़, 2016 में 1153 करोड़, 2017 में 774 करोड़, 2018 में 501 करोड़ की एफडी हुई थी। पिछले 12 सालों में पहली बार कोरोना काल में एफडी की राशि घट गई थी. 2019 में 285 करोड़, 2020 में 753 करोड़ की एफडी कराई थी.
विष्णु भगवान को कहते हैं व्यंकटेश्वर
The richest temple in the world: इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मेरुपर्वत के सप्त शिखरों पर बना हुआ है, इसकी सात चोटियां शेषनाग के सात फनों का प्रतीक मानी जाती हैं. इन चोटियों को शेषाद्रि, नीलाद्रि, गरुड़ाद्रि, अंजनाद्रि, वृषटाद्रि, नारायणाद्रि और व्यंकटाद्रि कहा जाता है. इनमें से व्यंकटाद्रि नाम की चोटी पर भगवान विष्णु विराजमान हैं और इसी वजह से उन्हें व्यंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है.
दान किए जाते हैं बाल
ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने मन से सभी पाप और बुराइयों को यहां छोड़ कर जाता है, उसके सभी दुःख देवी लक्ष्मी खत्म कर देती हैं. इसलिए यहां अपनी सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बाद छोड़ जाते हैं.