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World Literacy Day 2023: आजादी के बाद से अबतक, भारत में साक्षरता दर कितनी बढ़ी?

State Wise Literacy Rate in India 2023, भारत में राज्यवार साक्षरता दर 2023: 1947 में जब देश आजाद हुआ था तब साक्षरता दर 18% हुआ करती थी और 2023 में भारत की साक्षरता दर 77.70% हो गई है

Literacy Rate in India 2023: साक्षरता ऐसा औजार है जो लोगों की जिंदगी को और बेहतर बनाने में मदद करता है. शिक्षा में ऐसी शक्ति है जो गरीबी के संघर्ष से बाहर ला सकती है. और लोगों को सशक्त बना सकती है. शिक्षा और साक्षरता हमेशा से सबसे ज्यादा चर्चा में वाला विषय रहा है, लेकिन भारत में हम आज भी 100% आबादी को साक्षर नहीं बना सके हैं. हालांकि इस बात को नाकारा नहीं जा सकता है कि बीते कुछ वर्षों में भारत की साक्षरता दर तेजी से बढ़ी है.

भारत में साक्षरता दर

वर्ष 2021-22 के सर्वे के अनुसार भारत की कुल साक्षरता दर 77. 70% है. 140 करोड़ की आबादी वाले देश में इतनी लिट्रेसी होना अच्छा तो नहीं मगर औसत कहा जा सकता है. इस आंकड़े को पाने में काफी वक़्त लग गया है.

1947 में जब देश आजाद हुआ था तब भारत की कुल साक्षरता दर 18% थी. और इस 18% में सिर्फ 8.86% महिलाएं ही पढ़ना-लिखना जानती थीं. उस दौर से लेकर वर्तमान तक भारत ने निरक्षरता का बड़ा फासला पार किया है. डिजिटल एजुकेशन शुरू होने के बाद तो देश का लिट्रेसी रेट काफी हद तक बढ़ा है साथ ही महिलाओं की साक्षरता भी बड़ी तेजी से इम्प्रूव हुई है.

इससे पहले कि हम भारत में राज्यवार साक्षरता दर के बारे में चर्चा करें , हम आपको NFHS के सर्वे से सामने आई कुछ जानकारियां बताना चाहते हैं.

NFHS यानी National Family Health Survey द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार-:

भारत के टॉप 10 साक्षर राज्य

  1. केरल
  2. दिल्ली
  3. चंडीगढ़
  4. हिमांचल प्रदेश
  5. महाराष्ट्र
  6. तमिलनाडु
  7. उत्तराखंड
  8. गुजरात
  9. पश्चिम बंगाल
  10. पंजाब

भारत में राज्यवार साक्षरता दर

साल 2011 में हुए आखिरी सर्वे के अनुसार:

हालांकि 2011 के बाद इन 12 वर्षों में काफी कुछ बदलाव देखने को मिला है. केंद्र सरकार ने New Education Policy 2020 में देश की साक्षरता बढ़ाने को ही लक्ष्य माना है. 2025 तक सरकार हर बच्चे को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है.

ये अच्छी बात है कि वर्तमान सरकार के पास देश में साक्षरता को बढ़ाने के लिए एक लक्ष्य है लेकिन इसे हासिल करना इतना भी आसान नहीं है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट की माने तो देश के 6,545,825 प्राइमरी एज ग्रुप के बच्चों ने 2020 तक स्कूल में पढाई करना छोड़ा है.

भारत में निरक्षरता के कारण

भारत में महिलाएं कम पढ़ी-लिखी क्यों हैं?

2020 में हुए एक सर्वे के अनुसार भारत में हर 4 महिलाओं में से एक निरक्षर है. 2021 में हुए सर्वे में सामने आया कि देश में 84.4% पुरुष पढ़े-लिखे हैं मगर साक्षरता के मामले में सिर्फ 71.5% महिलाओं की भागेदारी है. बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों में ऐसे कई समुदाय हैं जो बेटियों को शिक्षा देने के खिलाफ हैं. जबकि लोगों को चाहिए कि वो महिलाओं को भी शिक्षा हासिल करने के लिए बराबरी का अधिकार दें. हालांकि ऐसे राज्यों में सरकार महिला साक्षरता पर जोरों से काम कर रही है. सरकार की योजना जैसे साइकिल योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उड़ान के आने के बाद स्थिति सुधरी है.

भारत 100% साक्षर देश होने से थोड़ी दूर है, लेकिन हमनें 76 वर्ष में 18% से 77.70% साक्षरता तक का सफर तय किया है तो सरकार और आम लोगों की कोशिशों से देश अगले दो दशक में 90% साक्षर तो बन ही सकता है.

दुनिया के टॉप 10 साक्षरता वाले देश

देश साक्षरता दर सर्वे वर्ष जनसंख्या 2023
फ़िनलैंड 100%20005,545,475
नॉर्वे 100%20115,474,360
लक्सेम्बर्ग 100%2000654,768
एंडोरा 100%201180,088
ग्रीनलैंड 100%200156,643
लिकटेंस्टीन 100%201139,584
उज़्बेकिस्तान 100%201535,163,944
लातिवा 99.89%20151,830,211
एस्तोनिया 99.82%20151,322,765
लिथुआनिया 99.82%20152,718,352
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