Inauguration of Swarveda Mahamandir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में दुनिया के सबसे बड़े मेडीटेशन (World’s largest meditation) सेंटर स्वर्वेद महामंदिर का सोमवार 18 दिसंबर को उद्घाटन किया है. इस मंदिर को कमल के फूल की तरह तैयार किया गया है. जिसकी दीवारों पर 4000 वेदों के दोहे लिखे गए हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडीटेशन सेंटर बताया गया है, जिसकी नक्काशी बेहद खूबसूरत मानी जा रही है.
World’s largest meditation Center: PM मोदी ने वाराणसी में दुनिया के सबसे बड़े मेडीटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर (Swaraveda Mahamandir) का सोमवार 18 दिसंबर को उद्घाटन किया। उद्घाटन में उनके साथ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर का दौरा किया। बता दें कि मंदिर में एक समय में 20,000 लोग बैठ सकते हैं. सात मंजिला अधिरचना महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद उकेरे गए हैं.
क्या खासियत है इस मंदिर की
मंदिर को बेहद खूबसूरत तरीके से तैयार किया गया है. साथ ही मंदिर सुंदर नक्काशी से तैयार किया गया है. मंदिर बेहद भव्य बनाया गया है. स्वर्वेद महामंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत साल 2004 में हुई थी. सात मंजिला यह महामंदिर 68,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है. यह शिल्प और अत्याधुनिक तकनीकि से सामंजस्य का प्रतीक है. यह एक आध्यात्मिक मंदिर है जो स्वर्वेद को समर्पित है, एक आध्यात्मिक पाठ जिसमें सात मंजिले हैं. मूल रूप से 7 चक्रों को समर्पित हैं. महामंदिर को कमल जैसा स्वरूप दिया गया है.
What is Swaraveda: मंदिर का नाम स्वः और वेद से जुड़कर बना है. स्वः का अर्थ है आत्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं. इस मंदिर की दीवारों पर 4000 वेदों से जुड़े दोहे भी लिखे गए हैं. साथ ही मंदिर की बाहरी दीवारों पर उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि से जुड़े चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उनसे प्रेरणा ले सकें।
मंदिर की दीवारों के चारों ओर बलुआ पत्थरों की सजावट
स्वर्वेद महामंदिर को विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र बनाया गया। है. मंदिर को विहंगम योग’ यानी कि योग साधकों के लिए बनाया गया था. इस मंदिर में 125 पंखुड़ियों वाला कमल गुंबद तैयार किया गया है. महामंदिर में सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक-सांस्कृतिक परियोजनाओं का केंद्र भी बनाया गया है. मंदिर की नक्काशी में भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएं हैं. मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट भी है.