World Environment Day 2025: वर्तमान समय में पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु परिवर्तन जैसे संकट मानवता के अस्तित्व को चुनौती दे रहे हैं। बढ़ती जनसंख्या ,औद्योगीकरण और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हमारी पृथ्वी ग्रह की जलवायु को हानि पहुंचा रहे हैं ऐसे में हमारे बच्चों को हम कैसा पर्यावरण दे सकेंगे इसपर न सिर्फ विचार बल्कि ज़मीन स्तर पर संरक्षण और टिकाऊ विकास संयमित स्वस्थ जीवन शैली ही हमारे स्वयं के वर्तमान और बच्चों के भविष्य की कुंजी है। यह केवल सरकार या संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है।
पर्यावरण संरक्षण में हमारा योगदान
पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें चाहिए कि हर व्यक्ति अपने परिवार के साथ वर्ष में हर साल कम से कम अपने जीवन के खास मौकों पर पेड़ लगाए और उसके बड़े होने तक उसकी देखभाल करें ताकि वायु को शुद्ध करने के साथ जैव विविधता को भी संरक्षित करता है।
जल संरक्षण पर भी रहे फोकस
कहते हैं कि जल ही जीवन है बावजूद इसके हम से ज्यादा शायद ही कोई पानी बर्बाद करता होगा हमें चाहिए कि हम अपने आप से लेकर घर हर सदस्य ,स्कूल में बच्चों और ऑफिस में भी पानी की बर्बादी को रोकने का हर संभव प्रयास करें और वर्षा जल संचयन के लिए हर घर में वॉटर हार्वेस्टिंग और ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों को अपनाएं।
बिजली का भी करें संरक्षण
इसके लिए हमें हर समय अलर्ट रहने की जरूरत है तो संकल्प लें और अपने फैमिली मेंबर्स में भी ये अच्छी आदतें डालें कि गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को हमेशा बंद रखें, LED बल्ब का प्रयोग करें, सोलर एनर्जी अपनाएं।
परिवहन में बदलाव
इसके लिए वाहन में डीजल, पेट्रोल व इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के इस्तेमाल को कम करें और अपने निजी वाहन की बजाय साइकिल,पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कार पूलिंग का उपयोग करें, जिससे प्रदूषण तो कम कम होगा ही सेहत भी ठीक रहेगी।
रिसाइक्लिंग इज़ मस्ट
सबसे पहले तो पहले तो सिंगल यूज़ प्लास्टिक को टोटली अवॉइड करें फिर भी यदि आपके संपर्क में कोई प्लास्टिक उपयोग करें तो उसे प्लास्टिक को रिसाइकिल करने की सलाह दें और प्लास्टिक, कागज, धातु जैसी वस्तुओं को रि-सायकल करें लेकिन सिंगल यूज़ प्लास्टिक से दूरी बनाएं।
कचरा प्रबंधन
गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखें। कंपोस्टिंग खाद के महत्व समझें -समझाएं और इसको बढ़ावा दें और कचरे का वैज्ञानिक निपटान करें।
शिक्षा और जागरूकता
पर्यावरण संरक्षण में सबसे ज़रूरी है हमारा शिक्षित और जागरूक होना। क्योंकि इसके साथ ही न सिर्फ हम बल्कि हमसे जुड़ें लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सही मार्गदर्शन दे सकते हैं जैसे जैविक खेती,फसल चक्र परिवर्तन,प्राकृतिक खाद का उपयोग और जलवायु अनुकूल तकनीकों को अपनाने के तरीके व ऐसी संरचनाएं बनाने की पहल करना जो कम ऊर्जा और संसाधनों का उपयोग करें तथा पर्यावरण के अनुकूल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सके।
इसके लिए पर्यावरण शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना और बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम व संवेदनशीलता जागृत करना भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। साथ ही ऐसे स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना जो पर्यावरण के लिए लाभकारी हों और सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों,एनजीओ, निजी संस्थाएं और नागरिक मिलकर टिकाऊ योजनाओं और नीतियों पर काम करके हम पर्यावरण संरक्षण को बहाल बना सकते हैं।
विशेष :- पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास कोई विकल्प नहीं, बल्कि आज की अनिवार्यता है। यह केवल आज की पीढ़ी नहीं, आने वाली नस्लों का जीवन सुरक्षित रखने का उपाय है। हमें अपने छोटे-छोटे प्रयासों से एक बड़ा बदलाव लाना है।