क्यों मनाया जाता है विश्व मधुमेह दिवस?

World Diabetes Day 2023 Theme, Importance In Hindi

World Diabetes Day 2023 Theme, Importance In Hindi मधुमेह को शुगर और डायबिटीज नाम से भी जाना जाता है. अगर भारत की बात की जाए तो एक सर्वे के अनुसार भारत में सात करोड़ तीस लाख वयस्क इस बीमारी के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. भारत में हर साल लगभग 6.5 लाख लोगों की मृत्यु डायबिटीज की वजह से होती है.

क्या है डायबिटीज? / World Diabetes Day 2023

डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है. यह तब होती है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. इससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है.

टाइप 1 मधुमेह ( जिसे पहले इंसुलिन पर निर्भर या बचपन से शुरू होने वाले डायबिटीज के रूप में जाना जाता था ) को इन्सुलिन उत्पादन में कमी से जाना जाता है. टाइप 2 मधुमेह शरीर द्वारा इन्सुलिन के अप्रभावी उपयोग के कारण होता है. यह अक्सर शरीर के अतिरिक्त वजन और शारीरिक निष्क्रियता के कारण होता है.

शुगर का प्रभाव कैसा होता हैं लोगों पर?

ज्यादातर रोगी टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित होते हैं, और 2 में से 1 वयस्क का निदान नहीं किया जाता है. मिडिल क्लास लोगों को यह बीमारी ज्यादा प्रभावित करती है. डायबिटीज के दो तिहाई रोगी शहरी क्षेत्रों में रहते हैं. 136 मिलियन रोगी 65 वर्ष से अधिक आयु के होते हैं. 2019 में शुगर के कारण 4.2 मिलियन लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

क्यों मनाया जाता है विश्व मधुमेह दिवस

World Diabetes day साल 1991 में शुरू होने के बाद हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है. इस तारीख पर विश्व मधुमेह दिवस मनाने का कारण ‘Sir Frederick Grant Banting’ का जन्मदिन हैं, जिन्होंने Charles Herbert Best और John Macleod के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी. इसके अलावा हर साल एक थीम होती है जिसके आधार पर यह अभियान पूरे साल चलता है. जैसा कि 1980 के बाद से डायबिटीज के मामलों में वैश्विक वृद्धि हुई है.

2023 में इस अभियान का फोकस टाइप 2 मधुमेह और इससे संबंधित जटिलताओं को रोकने पर है. विश्व मधुमेह दिवस पर 2023 की थीम है “अपने जोखिम को जानें, अपनी प्रतिक्रिया जानें“.

मधुमेह के लक्षण क्या हैं?

मधुमेह एक सामान्य स्थिति है जो उच्च रक्त शर्करा के कारण बनती है. शुरूआती संकेतों और लक्षणों में थकान, भूख, बार-बार पेशाब आना, प्यास बढ़ना, दिखाई कम देना, घाव का धीमा भरना और यीस्ट का संक्रमण है.

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