Central trade unions strike : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक साझा मंच ने मज़दूरों, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र और ग्रामीण रोज़गार से जुड़े कानूनों में किए जा रहे बदलावों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। मज़दूरों की यह हड़ताल अगले साल फरवरी में होगी। ट्रेड यूनियन सरकार द्वारा नवंबर में नोटिफ़ाई किए गए चार नए लेबर कोड और परमाणु ऊर्जा के सस्टेनेबल इस्तेमाल और अपग्रेडिंग के लिए इंडिया ट्रांसफ़ॉर्मेशन (शांतिपूर्ण उपयोग) बिल का विरोध कर रहे हैं, जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में पास किया गया था। संसद का शीतकालीन सत्र हाल ही में 19 दिसंबर को खत्म हुआ है।
ट्रेड यूनियन विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका मिशन का भी विरोध कर रहे हैं।
इसके अलावा, ट्रेड यूनियन विकसित भारत-रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025 को पास किए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। यह बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेगा। VB-G RAM G ग्रामीण इलाकों में मज़दूरों को हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोज़गार की गारंटी देता है। आरोप है कि नई रोज़गार योजना कटाई के मौसम में इस अधिनियम के संचालन को निलंबित कर देती है, जिससे ज़मींदारों को सस्ता श्रम उपलब्ध होता है।
ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल की तारीख का ऐलान किया। Central trade unions strike
किसान संगठनों, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और NCCOEEE (नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज़ एंड इंजीनियर्स) ने आम हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। 10 ट्रेड यूनियनों के एक साझा मंच ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, “केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (CTUs) और क्षेत्रीय फ़ेडरेशन/यूनियनों के साझा मंच ने लेबर कोड और केंद्र सरकार द्वारा लोगों के अधिकारों और हक़ों पर किए जा रहे बहुआयामी हमले के खिलाफ़ 12 फरवरी, 2026 को देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान करने का फ़ैसला किया है।”
9 जनवरी को राष्ट्रीय मज़दूर सम्मेलन में औपचारिक मंज़ूरी दी जाएगी।
बयान में कहा गया है कि 12 फरवरी की हड़ताल की तारीख को 9 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय मज़दूर सम्मेलन में औपचारिक रूप से मंज़ूरी दी जाएगी। प्रस्तावित हड़ताल संसद के बजट सत्र के साथ होने की संभावना है, जो हर साल फरवरी में होता है। भारतीय मज़दूर संघ (BMS) को छोड़कर INTUC, AITUC और CITU सहित सभी प्रमुख ट्रेड यूनियन इस मंच का हिस्सा हैं

