Indian Railway News: आज की खबर सुनकर आपको भी हैरानी होगी, जी हां यह खबर है पंजाब की यहाँ एक गांव ऐसा है, जहाँ पिछले 40 साल से लोगों को ट्रेन का इंतजार है. गांव का नाम तलवाड़ा है. इससे जुड़े इतिहास के बारे में बताएं तो, साल 1881-82 में, जब सरकार ने नंगल डैम से मुकेरियां तक रेलवे लाइन बनाने की मजूरी दी थी. यह रेलवे लाइन तलवाड़ा गांव से भी गुजरनी थी लेकिन उस समय से आज साल 2025 आ गया है लेकिन यह काम अभी तक पूरी नहीं हुआ है. रेलवे ने इस काम को साल 1985 में शुरू किया था, जो अभी भी अधूरा है.
40 वर्षों से चल रहा रेलवे का यह काम
गौरतलब है कि, नंगल डैम से मुकेरियां तक रेलवे लाइन बनाने का यह काम अभी भी केवल 87 फीसदी ही पूर्ण हो पाया है. रेलवे के इस काम में इतनी देरी का कारण पंजाब में ज़मीन अधिग्रहण और पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं हैं. पंजाब में रेलवे का यह प्रोजेक्ट 2000 करोड़ रुपये का है, जो अब देश के सबसे ज्यादा लंबे चलने वाले रेलवे प्रोजेक्ट में से एक बन गया है.
लोगों के बचपन से शुरू हुआ बुढ़ापा आ गया ट्रेन नहीं आई
स्थानीय बताते हैं की वह जब छोटे थे, तब उनके ब्रिंगली गांव में पहली बार ट्रेन के लिए सर्वेक्षण किया गया था लेकिन यहां से रेलवे लाइन नहीं गुजरी है. बताते हैं ग्रामीणों की उम्मीद तब जगी थी जब 1976 में हिमाचल प्रदेश के दौलतपुर चौक से तलवारा तक एक एलिवेटेड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वेक्षण किए गए थे. उस समय वह काफी छोटे थे और इस परियोजना के लिए उत्साहित थे.
कितना पूरा हो पाया काम
अभी तक इस रेलवे प्रोजेक्ट का कुछ काम बाकी है. जी हां नंगल डैम से दौलतपुर चौक तक 60 किलोमीटर का हिस्सा चालू है. वहीं दौलतपुर चौक और तलवारा के बीच 23.7 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर पर काम अभी आधा बाकी है. इसी के साथ साथ तलवारा के पास का 2.5 से 3 किलोमीटर का हिस्सा अभी सरकार द्वारा अधिग्रहित नहीं किया गया है.
आगे की उम्मीद
ग्रामीणों की मानें तो उम्मीद का बांध अब टूट चुका है, हालांकि महज 10-15 फीसदी ही काम बचा हुआ है. लेकिन ग्रामीण यह मानने को तैयार नहीं हैं की वो इसे जल्द देख पाएंगे. लेकिन अगर हकीकत की बात करें तो जल्द ही संभावना है की इसका काम पूरा कर लिया जायेगा और शायद अब देरी नहीं होगी और ग्रामीणों का सपना साकार हो सकेगा. बहरहाल अभी आपको इसका इंतजार तो करना पड़ेगा लेकिन आपका इंतजार कम हो सकता है.