EPISODE 27: कृषि आश्रित समाज के लकड़ी के उपकरण FT. पद्मश्री बाबूलाल दाहिया

Babulal Dahiya

पद्म श्री बाबूलाल दाहिया जी के संग्रहालय में संग्रहीत उपकरणों एवं बर्तनों की जानकारी की श्रृंखला में ,आज आपके लिए प्रस्तुत है , कृषि आश्रित समाज के लकड़ी के उपकरण. कल हमने कुरुआ, पैला,कुरई तथा गर्रा आदि लकड़ी के उपकरणों की जानकारी दी थी। आज उसी श्रंखला में अन्य उपकरणों की जानकारी प्रस्तुत हैं।

मूसल

यह लकड़ी का एक ऐसा चावल धान आदि कूटने का उपकरण है जो लगभग 4 फीट लम्बा 2–3 इंच मोटा गोल होता है। इसे बढ़ई कलात्मक ढंग से ऊपर पतला एवं नीचे मोटा बनाते हैं। लकड़ी का वह भाग कुटाई से कांडी के पत्थर में लगने से खराब न हो अस्तु नीचे की तरफ उसमें लोहे की एक साम लगा दी जाती है। उसी में लम्बाई और मोटापे के वजन के मध्य में पकड़ने के लिए मूठ भी बना दी जाती है जिससे चावल कूटने वाले को कोई परेशानी न हो। मूसल किसी मजबूत लकड़ी का बनता है। प्राचीन समय में कुछ लोग सीसम य खैर के साल वाली लकड़ी का मूसल अधिक पसन्द करते थे। पर अब यह चलन से बाहर है।

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मथानी

यह लकड़ी का बना दही बिलोने का एक उपकरण होता है जिसे मथानी कहते हैं। यह 5-6 फीट लम्बी ऊपर पतली एवं नीचे चार फांके कर आधा फीट की गोल आकृति की मेड़री बना उसे एक सुतली से गाँस दिया जाता है जिससे उसका अग्रभाग चौड़ा हो जाता है। और फिर बीच में 4-5 फीट की पतली रस्सी फँसा कर दही बिलोने के लिए उसे घुमाया जाता है। यह मथानी सेहेरुआ और खम्हार की पतली लकड़ी की बनती है। किन्तु एक मथानी ऐसी भी बनाई जाती है जिसके निचले भाग में दही बिलोने के लिए एक गोल कलात्मक लकड़ी लगादी जाती हैं । इस मथानी को फूलदार मथानी कहा जाता है।

खूटी

यह लगभग एक फीट लम्बी लकड़ी की एक मेंख होती है जिसे मकान बनाते समय गीली मिट्टी में ही दीवाल में ठोक दिया जाता है।
यह खूटियां दीवाल में कपड़े झोले आदि टाँगने के काम आती हैं पर कुछ खूटियां बढ़ई से कलात्मक ढंग की भी बनबा कर दीवाल में लगाई जाती हैं। इधर जब से गांव में पक्के मकान बनने लगे हैं तो अब खूंटी भी चलन से बाहर हैं।

चरखा

यह सूत कातने का एक यंत्र होता है जिसमें लकड़ी का चक्र एक डोरी से लगा रहता है और एक हाथ से चक्र घूमाया जाता है और दूसरे हाथ में कपास के रुई की पोंनी होती जिससे सूत निकलता जाता है । कतने पर सूत एक तकले में लपिटता भी जाता है। पर अब चलन से बाहर है। आज के लिए बस इतना ही कल फिर मिलेंगे इस श्रृंखला में नई जानकारी के साथ।

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