EPISODE 22: कृषि आश्रित समाज के लकड़ी के उपकरण FT. पद्मश्री बाबूलाल दाहिया

Babulal Dahiya

पद्म श्री बाबूलाल दाहिया जी के संग्रहालय में संग्रहीत उपकरणों एवं बर्तनों की जानकारी की श्रृंखला में ,आज हम आपके लिए लाए हैं, कृषि आश्रित समाज के लकड़ी के उपकरण. कल हमने लकड़ी के उपकरणों में हल और जुएं के सम्बंध में जानकारी दी थी।आज उसी श्रंखला में अन्य उपकरणों की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

नारी

यह एक तरह का हल ही होता है जिसमें बांस की 3 फीट की खोखली नली लगा देने से वह नाड़ी कहलाने लगती है। बांस की उस खोखली नली को बांसा कहा जाता है जिससे खेत में बुबाई होती है। बांसा को हल के साथ जोड़ने में हल के मध्य में एक छोटी खूँटी गड़ा दी जाती है वह घुटकू कहलाती है।

परन्तु बांसा हल के पेंदे में बुबाई के समय स्थिर रहे अस्तु उस पेंदे में भी बांसा के निचले भाग को पतला तिरछा काट उसमें फिट कर दिया जाता है।और बांसा के उस पतले भाग को चूक कहते हैं। बांसा को मजबूती मिलती रहे अस्तु हल के पेंदे में बांसा को फँसा कर एक दो फन की लोहे कि कील भी ठोक दी जाती है। एवं घुटकू में एक सुतली से उसे बांध दिया जाता है।

यह रही नारी की संरचना जिसमें ओइरा लगा देने से बोने के लिए तैयार। नारी के लिए ऐसे पुराने घिसे हुए हल का उपयोग होता है जिसकी नास घिस कर पतली होचुकी होती हो। क्योकि अनाज की बुबाई 2 इन्च उथले में ही की जाती है जो नए हल में करना सम्भव नही होता है। पर अब यह अब कुछ चलन से बाहर है।

ओइरा

यह बढ़ई य कुंदेर के द्वारा खराद मसीन से भमाई कर के बनाया गया लकड़ी का एक बुबाई उपकरण होता है जिसे नारी में फिट करके बुबाई की जाती है। इसका ऊपरी भाग चौड़ा गोलाकार एवं नीचे पतला होता है। साथ ही ऊपर से नीचे तक बांसा के आकार का एक छिद्र भी होता है जिसे बांसा में फसा दिया जाता है और खेतों की बुबाई की जाती है। पर अब लगभग चलन से बाहर है।

डेंगर

यह चार हाथ लम्बा 10 इंच चौड़ा एवं आधा फुट ऊँचा एक लकड़ी का पाटा होता है जिसे किसान खेत के ढेले फोड़ने के काम में लाते हैं। डेंगर का पानी भरे खेत में जुताई करके धान बोने के लिए भी उपयोग होता है। तब जुताई के बाद इसे चला देने से खेत बराबर हो जाता है। और उसके पश्चात धान बोई जाती है। लेकिन डेंगर को खेत में चलाने केलिए जुएं में नेतने हेतु दो फन की बांस य अन्य कोई लकड़ी लगानी पड़ती है उसे डड़िया कहा जाता है।

पर जब धान बोने केलिए पानी भरे खेत में इसे चलाया जाता है तो किसान के पकड़ने के लिए तीन हाथ लम्बी लकड़ी की एक मूठ भी लगा दी जाती है जो लिजमन कहलाती है। आज के लिए बस इतना ही कल फिर लेकर आएंगे इस श्रृंखला की अगली कड़ी।

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