भारत, एक प्राचीनतम सनातन संस्कृति को मानने वाला देश जो आज भी अपने पूर्वजों के द्वारा बनाये गए विधि विधानों को बड़े ही श्रद्धा के साथ अपने जीवन में फॉलो करते हैं.
यहाँ सौभायवती महिलाओं को उनके पति की लम्बी आयु और उनके मनोकामना पूर्ति हेतु विधि विधान से पूजन अर्चन की विधि बताई गई है. आज आपको बताएंगे 5 सबसे कठिन व्रत।
सनातन परंपरा और हिन्दू धर्म में अपनी मनोकामनाओं के पूर्ति हेतु देवी-देवताओं के पूजन और विधि विधान से व्रत करने का उल्लेख मिलता है.
किस व्रत को करने से मिलता अखंड सौभाग्य का वरदान और पूरी होती है आपकी सारी कामना, जानने के लिए पढें ये लेख.
सनातन संस्कृति में ऐसे ढेरों पूजन विधि बताये गए हैं जो आपके सुख-संपत्ति और अखंड सौभाग्य को प्राप्त करने में सहयक है.
महिलाओं के लिए सुखी दांपत्य जीवन और पति की लंबी आयु दिलाने वाले व्रतों में करवा चौथ समेत कई ऐसे व्रत हैं, इस पूजा को विधि-विधान से करने पर उन्हें देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं इन व्रतों को रखने के लिए पूरे साल बेसब्री से इंतजार करती हैं. हिंदू मान्यता है कि आस्था से जुड़े इन व्रतों को करने से महिलाएं अपने पति को बड़ी से बड़ी विपत्ति से बाहर निकाल सकती हैं. आज हम सुखी दांपत्य जीवन का वरदान दिलाने वाले ऐसे ही 5 प्रमुख व्रतों के बारे में विस्तार से जानेंगे.
5 प्रमुख व्रत
- करवा चौथा व्रत
- हरियाली तीज व्रत
- मंगला गौरी व्रत
- कजरी तीज
- अशून्य शयन व्रत
1. करवा चौथ
हिन्दू धर्म में करवा माता,शिव-पार्वती,भगवान् गणेश और कार्तिकेय से जुड़े इस व्रत को सुहागिन महिलाएं रखती हैं. इस व्रत को हर साल कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार करवा माता के आशीर्वाद से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त होता है. महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्र देवता की पूजा करने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं.
2. हरियाली तीज व्रत
पति की लंबी आयु और सुख सौभाग्य की कामना लिए महिलाएं हर साल सावन मास में शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार इसी दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है. मान्यता अनुसार इस दिन 16 श्रृंगार करके जब महिलाएं शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजन अर्चन करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त होता है. कुंआरी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए ये व्रत रखती हैं.
3. मंगला गौरी व्रत
हिंदू धर्म में पति के मंगलकामना एवं लंबी आयु हेतु श्रावण मास के मंगलवार को विशेष्ज्ञ रूप से मंगला गौरी व्रत रखने की मान्यता है. इस दिन माता पार्वती की पूजा से की जाती है. माना जाता है कि इस व्रत को करने पर न केवल शादीशुदा महिलाओं को सुखी वैवाहिक जीवन का वर प्राप्त होता है, बल्कि कुंवारी कन्याओं को उनके मनचाहा वर पाने की इच्छा भी पूरी करता है.
4. कजरी तीज
पति के सुख-सौभाग्य की कामना लिए महिलाएं हर साल इस व्रत को भादो मास के कृष्णपक्ष की तृतीया को रखती हैं. कजली तीज को सतूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू मान्यता है की इस व्रत को करने पर विवाहित महिलाओं के पति दीर्घायु होते हैं, तो वहीं कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर भी मिलते हैं. माना जाता है कि माता पार्वती ने महादेव को पाने के लिए कई सालों तक तप किया था. जिस दिन तप से प्रसन्न होकर महादेव पार्वती से मिले वो दिन भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की तृतीया थी. इसीलिए इस दिन माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है.
5. अशून्य शयन व्रत
सनातन परंपरा में पति की लंबी आयु को पाने के लिए अशून्य शयन व्रत का धार्मिक महत्व माना गया है. इस दिन महिलाएं जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा करती हैं. इस व्रत को हर साल चतुर्मास में किया जाता है. माना जाता है कि इस व्रत को करने पर महिलाओं के जीवन में हमेशा खुशियाँ बनी रहती है.