एमपी की महिलाओं ने बनाया गोबर से पैंट, नवाचार की सरहना, सरकारी कार्यालयों में होगा उपयोग

एमपी। ग्वालियर की आजीविका मिशन से जुड़ीं महिलाओं ने बडी, पापड़, अगरबत्ती और अचार से भी आगे बढ़कर अब गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण की अनूठी पहल कर महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। महिलाओं के इस सफल प्रयास का मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने प्रशंसा करते हुए कहा कि महिलाओं के संकल्प और जज्बे का परिणाम है कि वे नित नए कार्य कर रही है। जानकारी के तहत प्रशासन अब इस उत्पाद को सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों में भी उपयोग करने के लिए बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठा रहा है। यह पहल आने वाले दिनों में प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा बनेगी।

गोबर से प्राकृतिक पेंट

जानकारी के तह ग्वालियर जिले के भितरवार विकासखंड की खेड़ापति स्व-सहायता समूह की सक्रिय सदस्यों ने एकजुट होकर गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का कार्य प्रारंभ किया। उनके द्वारा किए गए नवाचार को न केवल सराहा गया, बल्कि उन्हें आर्थिक संबल भी मिला। उनका यह कार्य पर्यावरण-संरक्षण की दिशा में भी एक अनुकरणीय पहल है। यह पेंट गोबर से बनाया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल का उपयोग नहीं होता। इस कारण यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और दीवारों को आकर्षक रंग भी प्रदान करता है। साथ ही मात्र 4 घंटे में दीवार पर लगा ये पेंट सूख भी जाता है।

कलेक्टर ने किया प्रेरित

कलेक्टर रुचिका चौहान ने समूह की महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रेरित कर तकनीकी प्रशिक्षण एवं विपणन (मार्केटिंग) में भी आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया। जिले के भितरवार ब्लॉक के ग्राम करहिया में गठित खेड़ापति स्व-सहायता समूह के सक्रिय सदस्यों ने आजीविका मिशन के माध्यम से आत्मनिर्भर की सच्ची मिसाल पेश की है। प्राकृतिक पेंट का उत्पादन स्थानीय स्तर पर रोजगार के साथ पर्यावरण-अनुकूल विकल्प साबित हो रहा है, और समूह की महिला सदस्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

सरकारी कार्यालय में होगा पेंट का उपयोग

समूह की सदस्य संध्या कहती हैं कि हम पहले केवल घर तक सीमित थे, लेकिन अब अपने हाथों से बने पेंट को बेचकर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्च में मदद मिल रही है। प्राकृतिक पेंट बनाने की ट्रेनिंग से हमें नया हुनर मिला है। लोग हमारे पेंट की सराहना कर रहे हैं, जिससे हमें आगे और काम करने की प्रेरणा मिलती है।

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