Red Fort occupation case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लाल किले पर कब्जे की मांग करने वाली याचिकाकर्ता रजिया सुल्ताना बेगम खुद को आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते मिर्जा बेदार बख्त की बीवी होने की बात कहती है। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने याचिका को गलत और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि आप लाल किले तक ही क्यों रुके? आगरा, फतेहपुर सीकरी और अन्य किलों पर भी दावा क्यों नहीं किया?
Red Fort Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लाल किले पर कब्जे की मांग करने वाली महिला की याचिका खारिज दी है। याचिकाकर्ता रजिया सुल्ताना बेगम (Razia Sultana Begum) खुद को आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते मिर्जा बेदार बख्त की बीवी होने की बात कहती है। उत्तराधिकारी होने के चलते रजिया सुल्ताना ने अपनी याचिका में मांग की है कि या तो लाल किले उसे वापस लौटा जाए या फिर 1857 से लेकर आज तक का मुआवजा उसे दिया जाए।
CJI संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने याचिका को गलत और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। CJI ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप लाल किले तक ही क्यों रुके? आगरा, फतेहपुर सीकरी और अन्य किलों पर भी दावा क्यों नहीं किया? इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिसंबर, 2024 में सुल्ताना बेगम की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
कौन हैं सुल्ताना बेगम
रजिया सुल्ताना बेगम का दावा है कि वह आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते मिर्जा बेदार बख्त की बीवी हैं। 12 वर्ष की आयु में उनकी निकाह हो गया था। मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली सुल्ताना का बचपन कोलकाता में उनके नाना के घर में बीता। इन दिनों वह हावड़ा में रहती हैं।
मेरी खानदान की रियासत है फिर लेना पड़ता है टिकट
सुल्ताना बेगम कहती हैं कि मैं मुगल परिवार की बहू हूं, लेकिन लाल किले में जाती हूं तो 50 रुपए का टिकट लेना पड़ता है। हुमायूं के मकबरे में 40 रुपए देकर जाती हूं। मुगल लूट कर कहां ले गए, एक का भी नाम बता दो तो मैं सिर झुका लूंगी।
सरकार संपत्ति पर अवैध कब्जा कर रही
20 दिसंबर, 2021 को दिल्ली हाई कोर्ट ने लाल किले पर कब्जे की मांग वाली की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि मामला दायर करने में 150 सालों से भी ज्यादा की देरी हुई है। याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम ने अपनी याचिका में कहा था कि वह लाल किले की असली मालिक हैं। उन्हें यह संपत्ति अपने पूर्वज बहादुर शाह जफर द्वितीय से विरासत में मिली थी। भारत सरकार उनकी संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रही है।
इसके बाद दिसंबर, 2024 में सुल्ताना ने दूसरी बार याचिका लगाई। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि 1960 में जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने मिर्जा मुहम्मद बेदार बख्त को बहादुर शाह जफर का उत्तराधिकारी माना था और उन्हें राजनीतिक पेंशन भी दी थी। इस याचिका को कार्यवाहक चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने खारिज कर दिया था।