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शांत रहने वाले भेड़िया आखिर क्यों हुए खूंखार ?

यूपी का  बहराइच इन दिनों देश भर में खूब सुर्खियां बटोर रहा है। वजह है खूंखार बेड़ियों का आतंक। भेड़ियों के जानलेवा हमले में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है वही इस हमले में 30 से अधिक लोग अब तक घायल हो चुके है। आपको बता दे कि कई जिलों की वन विभाग की टीम मिलकर भेड़ियों को पकड़ने में लगी हुई है। लेकिन इन तमाम प्रयासों के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लग रही। ऐसे में ये भेड़िया इंसान के खून के आदि होते जा रहे है।

भेड़ियों के हमले में जहां बड़े और छोटे लोग घायल हो रहे है , तो वहीं बच्चों की इस हमले में जान जा रही है। भेड़ियों के निरंतर हमले से उनके मानव खून के आदि होने की संभावना बढ़ गयी है . इसको देखते हुए लखनऊ वन विभाग टीम को भी भेड़ियों को पकड़ने के अभियान में लगाया गया है।

वन विभाग की 25 टीमें लगी भेड़ियों को पकड़ने में

बताया जा रहा है कि भेड़ियों ने पहला शिकार जुलाई में किया था। फिर एक एक कर वह लगातार इंसानों पर हमला करते रहे। भेड़िये लगातार इंसानी बस्तियों का रुख कर रहे है और छोटे से लेकर बड़े लोगों पर हमला कर रहे है। इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए अलग अलग प्रभागों की करीब 25 टीमें लगाई गई है। हालांकि कुछ भेड़ियों को पकड़ा भी जा चुका है। लेकिन अभी भी कई भेड़िये छुट्टा घूम रहे है। अब इनका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।

लगातार चलाया जा रहा है पकड़ने का अभियान

भेड़ियों को पकड़ने के लिये लगातार वन विभाग दिन रात एक कर रहा है। रात में ग्रामीण वन्य अधिकारियों के साथ गश्त लगाते है। जगह जगह पर भेड़ियों को पकड़ने के लिए पिंजड़े लगाए गए है। कई ग्रामीणों का कहना है कि वह रात में जागकर पहरा देते है और अपने परिवार की रक्षा करते हैं. कई ग्रामीणों का कहना है कि वह खेतों में भेड़ियों के आतंक की वजह से जाना बंद कर दिया है। बहराइच के डीएफओ अजय प्रताप सिंह ने ग्रामीणों को खुले में निवास न करने की सलाह दी।

वन विभाग ने भेड़ियों से प्रभावित इलाकों में ड्रोन लगाए। इन ड्रोन में एक साथ चार से पांच भेड़ियों को एक साथ चहलकदमी करते हुए देखा गया. टीम लगातार इलाके को ट्रैश कर रही है।

लगाए गए जिले के पूर्व डीएफओ

आपको बता दे कि पूर्व में जिले के कतर्नियाघाट में डीएफओ रहे आकाशदीप बधावन को भी बाराबंकी से बुलाया है. वहीं जिलाधिकारी मोनिका रानी ने डीडीओ, डीपीआरओ, एसडीएम, दो बीडीओ समेत 16 अधिकारियों की टीम को अलग से निगरानी में लगाया है. यह सभी शिफ्ट के साथ ड्यूटी करेंगे.

महसी तहसील क्षेत्र में 10 मार्च से भेड़िए का हमला शुरू हुआ. पहला शिकार मिश्रण पुरवा गांव निवासी बालिका बनी. उसके बाद से 23 मार्च, 17 जुलाई, 27 जुलाई, तीन अगस्त, 17 अगस्त और 22 अगस्त 

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