25 नवंबर से संसद में 18वीं लोकसभा का पहला शीतकालीन स्तर शुरू होने जा रहा है. इस स्तर को लेकर ये उम्मीद लगाई जा रही है कि केंद्र सरकार अब कुछ बड़े और जरूर फैसले लेने जा रही है. क्योंकी जब NDA की तीसरी सरकार बनी थी तब ये दावा किया गया था कि नई सरकार बनने के 100 दिन के अंदर पीएम मोदी बड़े फैसले लेंगे। खैर सरकार बने 4 महीने बीत चुके हैं और इस दौरान केंद्र सरकार ने सिर्फ योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को शुरू करने का ही एलान किया है, पिछले मानसून सत्र में लोकसभा में वित्त विधेयक , विनियोग विधेयक , जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक और भारतीय वायुयान विधेयक पास हुए थे जबकि केंद्र की तरफ से 12 विधेयक पेश किए गए थे, जिनमे एक वक्फ अमेंडमेंट बिल भी शामिल था जो विपक्ष के विरोध के बाद JPC कमेटी को सौंप दिया गया.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस नए सत्र में सरकार कुछ विस्फोटक बिल पेश करने वाली है और उन्हें पास कराने वाली है जिन्हे लेकर विपक्ष संसद में खूब हंगामा भी करने वाला है. इनमे सबसे पहला नाम है वन नेशन वन इलेक्शन। कहा जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में सरकार एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को पेश करने का रही है. सरकार चाहती है कि अगली बार जब लोकसभा चुनाव हों तो उसके साथ ही राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हों. इससे चुनाव में होने वाले खर्च में भी कमी आएगी और बार – बार चुनाव कराने में लगने वाले समय की बचत होगी। मगर विपक्ष इस बिल के खिलाफ है और जब ये संसद में पेश होगा तो बवाल मचना तय है.
दूसरा बिल वक्फ विधेयक हो सकता है, जिसके लिए फ़िलहाल JPC कमेटी लोकसभा में रिपोर्ट पेश करेगी और वक्फ अमेंडमेंट बिल पास होकर एक्ट बनता है या नहीं। जहां तक उम्मीद है सरक़ार वक़्फ़ संशोधन बिल को पास कराकर ही मानेगी क्योंकि ये बीजेपी के प्रमुख एजेंडों में से एक है. जब वक्फ बिल पेश किया जाएगा तो भी संसद में खूब हंगामा होगा। गौरतलब है कि जब 8 अगस्त को वक्फ संशोधन बिल पेश हुआ था तब विपक्षी दलों ने इसका खूब विरोध किया था. अब इसपर अंतिम फैसला लेने का समय आ गया है.
तीसरा प्रस्ताव जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का हो सकता है. इसपर विपक्ष के विरोधी स्वर नहीं उठेंगे क्योंकी जम्मू कश्मीर की जनता , यहां बनी सरकार , विपक्ष और केंद्र सरकार सभी चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले । पीएम मोदी इसे लेकर पहले भी एलान कर चुके हैं.
इसके अलावा सरकार अवैध घुसपैठियों के कब्जे से जमीन छुड़ाने और उन्हें डिपोर्ट करने को लेकर भी बड़ा फैसला ले सकती है और महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा, डिजिटल अरेस्ट, मुस्लिम आरक्षण, रेल ट्रैक की सुरक्षा, और UPI पेमेंट्स, जैसे मामलों को लेकर भी नए बिल पेश कर सकती है.
संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष कुछ पुराने मसलों को फिर से ताजा भी कर सकता है. जैसे राहुल गांधी के दो फेवरेट टॉपिक अंगिवीर योजना और जातिगत जनगणना का मुद्दा फिर से उठाया जा सकता है. खैर पिछले सत्र की बात करें तो ये 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चला था, जिसमे टोटल 15 बैठकें हुईं और सदन की प्रोडक्टिविटी 136 % रही अब अगला सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा और इस बार क्या – क्या देखने को मिलेगा इसकी खबर शब्द साँची आपतक जरूर पहुंचाने का काम करेगा । जानकारी पंसद आई हो तो वीडियो को लाइक और शेयर जरूर करें और ऐसी ही खबरों को देखने के लिए चैनल को सब्स्क्राइब जरूर करें धन्यवाद