Windfall Tax : खत्म हुआ Patrol-Diesel के निर्यात पर लगने वाला Windfall Tax, क्या सस्ता होगा ईंधन?

Windfall Tax : केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स खत्म कर कच्चा तेल निकालने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद सोमवार को सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ), कच्चे तेल के उत्पाद, पेट्रोल और डीजल उत्पादों पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया है। इस कदम से तेल समूह की कंपनियों रिलायंस और ओएनजीसी को तत्काल प्रभाव से राहत मिलने जा रही है। सरकार ने जुलाई 2022 में घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर विशेष लेवी के तौर पर विंडफॉल टैक्स लगाना शुरू किया था।

क्यों लगाया गया विंडफॉल टैक्स? Windfall Tax

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बाद सरकार ने उत्पादकों को होने वाले अप्रत्याशित मुनाफे से राजस्व प्राप्त करने के लिए जुलाई 2022 में यह टैक्स पेश किया था। सरकार ने संसद में यह जानकारी दी थी। इसके अलावा सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (आरआईसी) को भी वापस ले लिया है। इसके अलावा सितंबर में सरकार ने कच्चे तेल पर 1,850 रुपये प्रति टन से विंडफॉल टैक्स खत्म करने की घोषणा की थी। इसके अलावा डीजल और एविएशन टर्बाइन ईंधन के निर्यात पर लगने वाले Windfall tax को भी खत्म कर दिया गया।

विंडफॉल टैक्स क्या है? What is Windfall Tax

विंडफॉल टैक्स का आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता। दरअसल, यह घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर लगाया गया था। सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने जुलाई 2022 को इनके निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। विंडफॉल टैक्स तेल कंपनियों पर ऐसी स्थिति में लगाया गया था, जब उन्हें किसी परिस्थिति के कारण विशेष लाभ मिला हो। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया था। इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा हुआ, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया।

रूस-यूक्रेन युद्ध से तेल कंपनियों ने खूब मुनाफा कमाया।

आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया था जिसके कारण तेल कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाया। इन मुनाफों ने ऐसा माहौल बनाया, जहां तेल कंपनियों ने भारी, एकमुश्त मुनाफा कमाया। इन असाधारण मुनाफों को देखते हुए सरकार ने घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों और निर्यातकों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाने का फैसला किया था। इस कदम का उद्देश्य घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों और निर्यातकों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाकर सरकार के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करना था।।

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