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चार हिस्सों में टूटेगा उत्तर प्रदेश? बटवारे को लेकर सीएम योगी ने दिया करारा जवाब

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जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। यूपी से सबसे ज्यादा विधानसभा और लोकसभा सीटें आती हैं। ऐसे में कई बार यूपी को चार हिस्सों में विभाजित करने की आवाज उठती रही है। इस मांग की बड़ी वजह मानी जाती है की बड़ा राज्य होने की वजह से यूपी का विकास सही से नहीं हो पा रहा है और अगर राज्य छोटा होगा तो विकास सही से हो पायेगा। वैसे उत्तरप्रदेश का बटवारा सन 2000 में एक बार हो चूका है जिसके बाद भारत का 27 वां राज्य उत्तराखंड बना था। पर उस विभाजन के बाद भी उत्तर प्रदेश के कुछ और टुकड़े करने की मांग समय समय पर उठती रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया बयान :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने इसे नकार दिया यानि की साफ़ तौर पर स्पष्ट कर दिया है की ऐसा बिलकुल नहीं होगा। उनका कहना है की यूपी की असली ताक़त उसकी एकता है।

एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने यूपी को चार हिस्सों में विभाजित किए जाने पर बात की. इस दौरान जब उनसे साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के द्वारा यूपी का विभाजित करने के प्रस्ताव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यूपी अपने आप में यूपी है. यहीं इसकी क्षमता है. हमें यूपी को बांटने से ज्यादा इसे एकजुट रखना जरूरी है। सीएम योगी ने कहा यूपी अपनी ताकत और पहचान के साथ आगे बढ़ने की क्षमता रखता है। इसलिए हमें एकजुट होकर अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहिए. यही हमारी असली पहचान और गौरव है. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर किया कि उत्तर प्रदेश को तोड़ने की नहीं बल्कि जोड़कर रखने की ज़रूरत है. राज्य के लोगों को अपने इतिहास और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए और हम सबको मिलकर इसे आगे बढ़ाना चाहिए. 

मायावती ने लाया था बटवारे का प्रस्ताव :

बता दें की उत्तर प्रदेश के बटवारे की मांग अभी की नहीं है ये कई सालों से चलती आ रही है। इतना ही नहीं बटवारे को लेके प्रस्ताव तक लाया जा चूका है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी को चार भागों में बाँटने का प्रस्ताव पास किया था…बल्कि तात्कालिक सरकार ने 21 नवम्बर 2011 को विधानसभा में भारी हंगामे के बीच बिना चर्चा यह प्रस्ताव पारित कर दिया था कि उत्तर प्रदेश का चार राज्यों: अवध प्रदेश, बुंदेलखण्ड, पूर्वांचल और पश्चिम प्रदेश में बँटवारा होना चाहिए.

इसके बाद एक लाइन का यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को आगे की कार्यवाही के लिए भेजा था। जिसे अगले महीने ही केंद्र की यूपीए सरकार में गृह सचिव रहे आर के सिंह ने कई स्पष्टीकरण मांगते हुए राज्य सरकार को वापस भिजवा दिया था. साथ ही सरकार से कई सवाल भी किये गए की नए राज्यों की सीमा कैसी होगी उनकी राजधानियाँ कहा होंगी। साथ ही देश के सबसे बड़े आबादी वाले प्रदेश पर जो भरी भरकम क़र्ज़ है उसका बटवारा कैसे होगा etc.

समाजवादी पार्टी ने बताया अखंड उत्तर प्रदेश :

बहरहाल 2012 में मायावती यूपी का चुनाव हार गईं और सत्ता में आई समाजवादी पार्टी जिसने अपने ‘अखंड उत्तर प्रदेश‘ के नारे को बुलंद किया.जिसके फेवर में भाजपा, कांग्रेस और कई दोस्ती पार्टिया भी आ गयी थी और समाजवादी पार्टी का साथ दिया था। पर इन सब के बाद भी जो बटवारे की चिंगारी उठी थी उसने आग पकड़ने की कई बार कोशिश भी की।

बटवारे की उठा दी थी अफवाहें :

इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ के ही राज में कुच साल पहले इसको लेके सोशल मिडिया में भी अफवाहें उदा दी गयी थी जहाँ उत्तर प्रदेश के ज़िला मुख्यालयों की एक लिस्ट इस दावे के साथ शेयर की जा रही था कि ‘सरकार ने यूपी के बंटवारे का मसौदा तैयार कर लिया है’ पर फिर बाद में उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारीयों ने इस खबर को फर्जी करार दिया। और क्लियर किया की ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। और अभी उठी मांग पर योगी सरकार ने क्लियर कट जवाब देकर कह दिया है की ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।

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