Two wheeler toll tax Fact Cheak : क्या दोपहिया वाहनों को देना होगा toll tax? क्या बोले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी?

Two wheeler toll tax Fact Cheak : कल से ही सोशल मीडिया पर दोपहिया वाहनों के टोल टैक्स की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। आपको बता दें कि इन राष्ट्रीय राजमार्गों का इस्तेमाल करने वाले दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाने की खबरों को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने निराधार बताया है। फिलहाल टोल टैक्स सिर्फ बड़े वाहनों से ही वसूला जाता है। फिलहाल अगर दोपहिया वाहन राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने टोल प्लाजा से गुजरते हैं तो उनसे टोल टैक्स नहीं लिया जाता। ऐसे में इस भ्रामक खबर ने आम जनता के बीच हड़कंप मचा दिया।

देश में कितने NHAI टोल हैं? Two wheeler toll tax

NHAI के टोल सूचना प्रणाली के रिकॉर्ड के मुताबिक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश में कुल 1057 NHAI टोल हैं। इसमें से करीब 78 टोल आंध्र प्रदेश में ही हैं। बिहार में नेशनल हाईवे के 33 टोल हैं जबकि उत्तर प्रदेश में 123 टोल प्लाजा हैं। नए नियम के मुताबिक, दोपहिया वाहनों को फास्टैग के जरिए टोल देना होगा। नियम का उल्लंघन करने वाले को 2 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।

15 अगस्त से 3000 रुपए का पास। Two wheeler toll tax

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में टोल को लेकर नई योजना की घोषणा की। उन्होंने फास्टैग आधारित वार्षिक टोल पास योजना की घोषणा की। यह योजना 15 अगस्त से शुरू होगी। यह पास 3000 रुपए का है और इससे 200 चक्कर लगाए जा सकेंगे। यह योजना सिर्फ NHAI और NE के टोल प्लाजा पर ही मान्य होगी। स्टेट हाईवे के अंतर्गत आने वाले टोल बूथ पर यह पास काम नहीं करेगा।

पिछले कुछ दिनों से झूठी खबर वायरल हो रही थी।

पिछले कुछ दिनों से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि सरकार 15 जुलाई 2025 से दोपहिया वाहनों से भी टोल टैक्स वसूलने जा रही है और इसके लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया जाएगा। इन रिपोर्ट्स में यहां तक कहा गया था कि नियम का उल्लंघन करने पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। गडकरी के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ऐसी सभी खबरें झूठी, भ्रामक थीं और बिना किसी सरकारी पुष्टि के प्रसारित की गई थीं।

दोपहिया वाहनों को अभी भी टोल से छूट क्यों है?

भारत में दोपहिया वाहनों को टोल टैक्स से छूट इसलिए दी जाती है क्योंकि वे छोटे और हल्के वाहन होते हैं।

राजमार्गों के रख-रखाव पर उनका बोझ कम होता है।

वे आम आदमी के लिए परिवहन का मुख्य साधन हैं।

सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती।

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