MP Vindhya Politics Updates: मध्य प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. सूबे के नए मुख्यमंत्री होंगे मोहन यादव. काफी मशक्क्त और पूरे 9 दिन सोच विचार के बाद आखिरकर भारतीय जनता जनता पार्टी ने प्रदेश की जनता को उनका मुख्यमंत्री दे दिया है
MP Cabinet Ministers Name: भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. मोहन यादव के नाम का एलान कर दिया हैं. सीएम के लिए उनके नाम की घोषणा ने सभी को हैरान कर दिया है. मोहन यादव (Mohan Yadav MP New CM ) शिवराज सिंह की सरकार में मंत्री रहे और अब पूरे प्रदेश की बागडौर संभालेंगे। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर इनके नाम का एलान होने से पहले कल तक इन्हे भी यह पता भी नहीं था कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाएंगे। वहीं विंध्य के कद्दावर नेता राजेंद्र शुक्ल को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है. विंध्य अंचल में बीजेपी ने जोरदार प्रदर्शन किया है. पार्टी ने अंचल की 30 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि बीजेपी ने यहां से राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाया है. लेकिन विंध्य से भी मंत्रीपद के दावेदार विधायकों की फौज लंबी चौड़ी है. सांसदी छोड़ विधायक बनीं रीति पाठक मंत्री पद की प्रबल दावेदार हैं. इनके अलावा विंध्य में भी जातिगत समीकरण बनाने पर ही बीजेपी का ज़ोर रहेगा. विंध्य अंचल से रीति पाठक के अलावा मीना सिंह, नागेंद्र सिंह नागौद, नागेंद्र सिंह गुढ़, गिरीश गौतम, प्रदीप पटेल मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. ऐसे में यहां भी समीकरण बिठाने में बीजेपी को मशक्कत करनी पड़ सकती है.
विंध्य के इन नामों पर लग सकती है मोहर
विंध्य से भले ही भाजपा ने एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन किया हो, लेकिन यहां से मंत्री पद के दावेदारों की संख्या कम मानी जा रही है। इनमें नागौद से नागेंद्र सिंह, देवतालाब से गिरीश गौतम, गुढ से नागेंद्र सिंह का नाम चर्चा में है। हालांकि यहां से किसी युवा चेहरे पर विचार किया जा सकता है। जिसमें सीधी से रीति पाठक का नाम हो सकता है।
नागेंद्र सिंह- नागौद विधानसभा
नागेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं. खजुराहो (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से आम चुनाव 2014 में जीत हासिल की। वे संसद सदस्य बनने से पहले मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री थे. नागेंद्र सिंह पांचवीं बार विधानसभा का चुनाव जीत कर आए हैं. मंत्री पद के प्रबल देवदार माने जा रहे हैं. हालंकि उनकी उम्र उनकी दावेदारी को कमजोर साबित कर रही है.
गिरीश गौतम-देवतालाब विधानसभा
गिरीश गौतम रीवा जिले की देवतालाब विधासभान से लगातार चुनाव जीतकर चौथी बार विधायक बनें हैं. 2018 का चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने उन्हें 2020 में विधानसभा अध्यक्ष बनाया. इस बार भी उनका नाम मंत्री पद के लिए चल रहा है लेकिन उनकी वर्त्तमान उम्र 70 साल है और पार्टी नए चेहरे की तलाश में है. जिससे उनका नाम देवदारों में कमजोर नजर आ रहा है.
नागेंद्र सिंह- गुढ़ विधानसभा
नागेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर हैं. 2003, 2008 और 2018 में चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। बताते चलें कि 2018 विधानसभा चुनाव जितने के बाद जब 2020 में भारतीय जनता की पार्टी की सरकार बानी, क्योंकि बीच के 15 महीने कांग्रेस की सरकार प्रदेश में रही. उसके बाद अपने लिए मंत्री पद की मांग कर रहे थे. मंत्री का पद नहीं मिलने से नाराज भी थे. उम्र को देखते हुए उनका ये अंतिम चुनाव भी हो सकता है. इसलिए वो इस बार भी अपने लिए मंत्री के पद की मांग कर सकते है. अगर पार्टी उनके उम्र को नजरअंदाज करती है तो वो मंत्री हो सकते हैं.
रीति पाठक-सीधी विधानसभा
दो बार की सांसद रीती पाठक सीधी विधानसभा से पहली बार विधायक चुन कर आईं हैं. बता दें कि सीधी विधानसभा 3 बार के विधायक केदारनाथ शुक्ल का टिकट काटकर रीती पाठक को चुनाव में उतारा गया था. जहां उन्होंने भारी मतों से विजय श्री हासिल की है. इनका नाम मंत्री पद के लिए जोरों-शोरों से चल रहा है. क्योंकि इनका ये पहला विधानसभा चुनाव है, और इनकी उम्र भी मात्र 46 साल की है. उम्र की कसौटी में भी यह फीट साबित हो रहीं हैं.
मीणा सिंह-मानपुर विधानसभा
विजयी महिला प्रत्याशियों में सर्वाधिक वरिष्ठ भाजपा की मीणा सिंह मांडवे हैं, जो छठी बार चुनी गई हैं. छात्र जीवन से सार्वजनिक कार्यों में रूचि। वापा वनवासी सेवा मंडल एवं हाईस्कूल मंडला की कार्यकारिणी की सदस्य। 1992 में कस्तूरबा रूरल इंस्टीयूट कन्या महाविद्यालय, इन्दौर की क्रीडा सचिव तथा 1992-93 में एथलैटिक टीम इंदौर में विश्वविदयालय का प्रतिनिधित्व। मई 1994 में जनपद सदस्य निर्वाचित, बांधवगढ परियोजना सलाहकार मंडल की अध्यक्ष, अक्टूबर 1996 के उप चुनाव में दसवी विधान सभा की सदस्य निर्वाचित एवं सदस्य के रूप में दिनांक 26 नवम्बर 1996 को शपथ ग्रहण की। पुस्तकालय समिति की सदस्य रहीं। अब मंत्री पद की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं हैं.
प्रदीप पटेल-मऊगंज विधानसभा
मऊगंज विधानसभा से लगातार दो जीत के बाद विधानसभा पहुंचे प्रदीप पटेल मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. बताते चलें कि प्रदीप पटेल 2018 के विधानसभा में कांग्रेस के सुखेंद्र सिंह बन्ना जो 2013 में यहां से विधायक चुने गए थे उनको हराकर पहली दफा विधानसभा पहुंचे, तब से जीत का सिलसिला बरकरार रखा है. जातीय संतुलन को साधने के लिए प्रदीप पटेल को मंत्री पद दिया जा सकता है.