UP CM Yogi Meet PM Modi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली दौरे पर हैं। यहां उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों के बीच काफी देर तक मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ के बीच करीब एक घंटे तक बैठक हुई। इसके बाद योगी आदित्यनाथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने उनके आवास पहुंचे। इसके बाद खबर है कि वह गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे और एक बैठक भी करेंगे। बताया जा रहा है कि यह मुलाकात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष का नाम सामने आ सकता है।
राजनीति की धुरी उत्तर प्रदेश के इर्द-गिर्द घूमती है। UP CM Yogi Meet PM Modi
उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण और भारत के सबसे बड़े राज्य में भाजपा के लिए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करना आसान नहीं है। भाजपा दलितों, सवर्णों, ओबीसी और इनमें प्रमुख जातियों के वोटों के समीकरण और क्षेत्रीय समीकरणों पर मंथन कर रही है। पिछले कई महीनों से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पार्टी के फ्रंटल संगठनों, संगठन के सभी पदाधिकारियों, आरएसएस के स्वयंसेवकों से भी इस बारे में राय ले रहा है कि भूपेंद्र चौधरी की जगह कौन लेगा।
यूपी में दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। UP CM Yogi Meet PM Modi
भाजपा ने अभी तक यूपी में अगले प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं की है और इस वजह से इसे लेकर चर्चाएँ तेज़ हैं। सूत्रों के अनुसार, यह भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही तय होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी का मामला काफी पेचीदा हो गया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी आलाकमान कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है। इस वजह से जिसे भी प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी जाएगी, उसके सीएम योगी आदित्यनाथ से संबंधों का भी ध्यान रखा जाएगा। बता दें, यूपी में दो साल बाद विधानसभा चुनाव हैं।
क्या सीएम योगी से संबंधों के कारण यूपी भाजपा अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है?
दिल्ली से लेकर लखनऊ तक के सूत्र बता रहे हैं कि पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा और फिर यूपी के प्रदेश अध्यक्ष का फैसला होगा। इसका मतलब है कि यूपी बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव में कई पेचीदगियाँ हैं। जिसमें – नया अध्यक्ष किस समुदाय से हो। हालाँकि, बीजेपी ओबीसी, दलित और ब्राह्मण चेहरों पर भी फोकस कर रही है, लेकिन सबसे ज़्यादा संभावना ओबीसी चेहरे को लेकर है। सवाल ये है कि यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष पूर्वांचल से हो या पश्चिमी यूपी से और उस नेता का सीएम योगी से क्या रिश्ता है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा था। UP CM Yogi Meet PM Modi
बीजेपी नेताओं का एक गुट चाहता है कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी हैं, इसलिए किसी ब्राह्मण नेता को यूपी का अध्यक्ष बनाया जाए, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। उस चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल मिलकर सिर्फ़ 36 सीटें ही जीत पाए थे। इनमें बीजेपी के 33, आरएलडी के 2 और अपना दल का 1 सांसद शामिल है। एनडीए को साल 2019 के मुकाबले 28 सीटों का नुकसान हुआ, जबकि समाजवादी पार्टी ने पीडीए फॉर्मूले से अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उसे 37 सीटें मिलीं। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में 41.4% वोट मिले थे। जबकि 2019 के चुनाव में उसे 49.6% वोट मिले थे। यानी भाजपा का वोट शेयर लगभग आठ प्रतिशत कम हो गया।
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