Bihar Election : बिहार की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार पिछले कई सालों से हमेशा चर्चा में रहा है। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव की अगुआई में पार्टी ने बिहार की राजनीति में मजबूत पकड़ बना ली है। लेकिन इस बार 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के कुछ कदम और बयान आरजेडी और लालू परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। तेज प्रताप के हालिया ट्वीट और उनकी निजी जिंदगी से जुड़े विवादों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। आइए इन 5 बातों के जरिए समझते हैं कि क्या बिहार चुनाव में तेज प्रताप लालू परिवार के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।
अनुष्का यादव के साथ तस्वीर वायरल होने के बाद पार्टी से निकाले गए
तेज प्रताप यादव ने मई 2025 में अपने फेसबुक अकाउंट पर अनुष्का यादव के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया था। इस पोस्ट ने न सिर्फ लालू परिवार बल्कि आरजेडी में भी हलचल मचा दी थी। हालांकि बाद में तेज प्रताप ने दावा किया था कि उनका अकाउंट हैक हो गया था, लेकिन लालू यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निकाल दिया था।
लालू ने अपने पोस्ट में कहा, ‘निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की उपेक्षा सामाजिक न्याय के हमारे संघर्ष को कमजोर करती है।’ इस कदम को चुनावी साल में आरजेडी की छवि बचाने की कोशिश माना जा रहा है, लेकिन तेजप्रताप का यह विवाद पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकता है। विपक्षी दल इसे लालू परिवार की अंदरूनी कलह के तौर पर पेश कर रहे हैं, जो वोटरों के बीच आरजेडी की एकता पर सवाल उठा सकता है।
पार्टी से निकाले जाने के बाद तेजप्रताप ने दिखाए तीखे तेवर। Bihar Election
निष्कासन के बाद भी तेजप्रताप चुप नहीं रहे। जून 2025 में उनके एक ट्वीट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। उन्होंने लिखा था, ‘मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल करने वाले ये न समझें कि मुझे आपकी साजिश की जानकारी नहीं है। शुरुआत आपने की है, खत्म मैं ही करूंगा।’
इस ट्वीट में उन्होंने परिवार और पार्टी के कुछ लोगों पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। तेजप्रताप का यह बयान उनकी नाराजगी और बागी तेवर को दर्शाता है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर तेजप्रताप अपनी नाराजगी को और हवा देते हैं तो इससे आरजेडी के लिए चुनावी रणनीति कमजोर पड़ सकती है।
लालू परिवार पर विपक्ष हमलावर हो सकता है चुनावी नुकसान।
तेज प्रताप के विवादों ने विपक्षी दलों खासकर जेडीयू और बीजेपी को आरजेडी पर हमला करने का मौका दे दिया है। जेडीयू नेता उमेश कुशवाहा ने लालू से सवाल किया कि जब तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी, तब उनकी नैतिकता कहां थी? बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने इसे ‘लालू परिवार का ड्रामा’ करार दिया।
विपक्ष इस मुद्दे को भुनाकर आरजेडी की सामाजिक न्याय की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। बिहार में यादव और मुस्लिम मतदाता आरजेडी का मजबूत आधार हैं, लेकिन तेज प्रताप के विवाद इन मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा कर सकते हैं।
अखिलेश से बातचीत और नई राह की अटकलें। Bihar Election
तेज प्रताप के निष्कासन के बाद हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ उनकी वीडियो कॉल ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। अपने एक्स हैंडल पर इस बातचीत का जिक्र करते हुए तेज प्रताप ने कहा, ‘अखिलेश जी हमेशा मेरे दिल के करीब रहे हैं।’
अखिलेश ने उनसे पूछा कि वे कहां से चुनाव लड़ेंगे, जिस पर तेज प्रताप ने यह कहकर जवाब टाल दिया कि वे लखनऊ आएंगे। यह घटनाक्रम इस बात की ओर इशारा करता है कि तेज प्रताप अपनी नई राजनीतिक राह तलाश सकते हैं। अगर वह राजद से अलग होकर निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के साथ चुनाव लड़ते हैं तो इससे राजद का वोट बैंक बंट सकता है, जिसका सीधा फायदा विपक्ष को होगा।
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