Manipur Political Crisis : क्या मणिपुर में लगेगा राष्ट्रपति शासन? क्या केयरटेकर CM बने रहेंगे N. Biren Singh!

Manipur Political Crisis : मणिपुर पिछले कई महीनों से हिंसा प्रभावित राज्य रहा है। राज्य में हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। कई इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली थी। मौतें भी हुईं और हजारों लोग पलायन करने को मजबूर हुए थे। इसके बाद रविवार को एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मणिपुर को नया मुख्यमंत्री मिलने तक एन बीरेन सिंह कार्यवाहक सीएम बने रहेंगे। इस बीच मणिपुर में नई सरकार के गठन की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

माना जा रहा है कि अगर कोई पार्टी एनपीपी और जेडीयू समेत कुछ अन्य छोटी पार्टियों को साथ लेकर सरकार बनाने का दावा करती है तो उसे सरकार बनाने का मौका दिया जाएगा। चर्चा यह भी है कि अगर अगले एक हफ्ते या दस दिन में नई सरकार की संभावना नहीं बनती है तो केंद्र सरकार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन (President Rule) लगा सकती है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफ़ा।

एन बीरेन सिंह ने एक दिन पहले यानी रविवार को मणिपुर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद मणिपुर लौटकर उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे के बाद वह तब तक कार्यवाहक सीएम की भूमिका निभाते रहेंगे, जब तक कि राज्य में नया सीएम नियुक्त नहीं हो जाता या नई सरकार नहीं बन जाती।

राष्ट्रपति शासन की संभावना बढ़ी। Manipur Political Crisis

राज्य में राष्ट्रपति शासन की संभावना इसलिए जताई जा रही है, क्योंकि मणिपुर के मौजूदा हालात में शायद ही कोई पार्टी सरकार बनाने के लिए आगे आए। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जा रहा है कि अगर छोटी पार्टियां मिलकर सरकार बना भी लेती हैं, तो हिंसा से निपटना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्हें राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करना होगा। इसलिए नई सरकार को लेकर अभी तक कोई पार्टी आगे नहीं आई है।

प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना। Manipur Political Crisis

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उस पूर्वोत्तर राज्य में दो साल से हिंसा चल रही है। उन्होंने कहा, “यह लंबे समय से, दो साल से लंबित था।” कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से यह बात तब कही जब उनसे बीरेन सिंह के इस्तीफे के बारे में पूछा गया।

मोदी-शाह को जिम्मेदारी लेनी चाहिए: द्रविड़

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मणिपुर में “फासीवादी राजनीति” करने का आरोप लगाते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता कनिमोझी ने सोमवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कनिमोझी ने आरोप लगाया कि मणिपुर में जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोगों की जान चली गई और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। उन्होंने सरकारी राहत शिविरों में रहने वाले लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या करने और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया।

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