नईदिल्ली। बग्लादेश में तख्तापलट के बाद अगस्त 2024 से शेख हसीना भारत में रह रही है। 78 वर्षीय हसीना को अब बग्लादेश की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे है कि शेख हसीना क्या करेगी, भारत में रही शेख हसीना को क्या बग्लादेश गिरफ्तार कर पाएगा।
सजा सुनाए जाने पर शेख हसीना का आया बयान
सजा सुनाए जाने के बाद नई दिल्ली से शेख हसीना का बयान सामने आ रहा है। खबरों के तहत शेख हसीना ने आईसीटी की ओर से दी गई मौत की सजा को एक पक्षपातपूर्ण, राजनीतिक और अवैध फैसला बताया है, नई दिल्ली से दिए अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह फैसला न तो निष्पक्ष है और न ही किसी कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करता है। हसीना ने कहा है कि आईसीटी न तो अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है और न ही उसके पास वैध जनादेश है।
उनकी अनुपस्थिति में चलाया गया मुकदमा
शेख हसीना का कहना है कि मुकदमा उनकी अनुपस्थिति में चलाया गया, उन्हें वकील चुनने का अधिकार नहीं मिला और तो और उन्हें बचाव का उचित अवसर भी नहीं दिया गया. ऐसे में आईसीटी की निष्पक्षता भी सवालों के घेरे में है। हसीना ने दावा किया कि आईसीटी केवल अवामी लीग के नेताओं को निशाना बना रहा है, जबकि विपक्षी दलों के हिंसक कृत्यों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
हसीना की कैसे हो पाएगी गिरफ्तारी
कोर्ट का फैसला आने के बाद अब सवाल तेजी से उठ रहा है कि भारत में रह रही बग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की बग्लादेश की पुलिस कैसे गिरफ्तार कर पाएगी। कानूनी प्रक्रिया के तहत बांग्लादेश इंटरपोल की सहायता लेगा. इंटरपोल-दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय पुलिस संस्था-194 देशों की पुलिस एजेंसियों को जोड़कर अपराधियों की लोकेशन, गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण में मदद करती है, चाहे देशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध हों या नहीं। बांग्लादेश सरकार इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध करेगी. नोटिस जारी होने के बाद भारत को आधिकारिक तौर पर जानकारी भेजी जाएगी कि हसीना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित घोषित किया जा चुका है. इसके बाद भारतीय एजेंसियों की भूमिका अहम हो जाएगी, क्योंकि भारत में मौजूद किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए भारत की सहमति और सहयोग जरूरी होता है।

