GST Reformation के बाद भी Smartphone और Laptop सस्ते क्यों नहीं हुए

GST Rate On Smartphones/ GST Rate On Laptop/Why Smartphones and Laptops did not become cheaper even after GST Reformation: 22 सितंबर 2025 से लागू GST सुधारों (GST Reforms 2025) ने रोजमर्रा की चीजों से लेकर छोटी कारों और घरेलू उपकरणों तक कई सामानों को सस्ता कर दिया है। 56वीं GST काउंसिल बैठक (GST Council Meeting) में चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर दो स्लैब (5% और 18%) करने और 40% स्लैब को लग्जरी व सिन गुड्स (Luxury and Sin Goods) के लिए लागू करने का फैसला हुआ। रोटी, इंश्योरेंस, टूथपेस्ट, टीवी, और सीमेंट जैसी चीजें सस्ती हो गईं, लेकिन स्मार्टफोन्स, लैपटॉप, और कम्प्यूटर की कीमतों में कोई कमी नहीं आई। ऐसा क्यों आइये जानते हैं.

जीएसटी सुधार के बाद स्मार्टफोन्स-लैपटॉप क्यों नहीं सस्ते हुए?

Why No Price Cut for Smartphones After GST Reformation

अधिकांश स्मार्टफोन्स, लैपटॉप, और कम्प्यूटर (GST Rate On Smartphones, GST Rate On Laptops, GST Rate On Computers) पहले से 18% GST स्लैब में हैं। GST रिफॉर्मेशन में 28% और 12% स्लैब खत्म हुए, लेकिन 18% स्लैब अपरिवर्तित रहा। इसलिए, इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं हुआ। ₹30,000 का स्मार्टफोन पहले भी ₹5,400 GST (18%) के साथ ₹35,400 में मिलता था, और अब भी यही कीमत रहेगी।

कुछ प्रीमियम स्मार्टफोन्स (Premium Smartphones) जैसे iPhone 16 Pro या लैपटॉप जैसे MacBook Pro को GST काउंसिल ने 40% स्लैब (Luxury Goods) में डालने पर विचार किया। हालांकि, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के दबाव के बाद इन गैजेट्स को 18% में ही रखा गया। इससे कीमतें तो नहीं बढ़ीं, लेकिन सस्ता होने का मौका भी नहीं मिला।

    स्मार्टफोन और लैपटॉप निर्माता पहले 28% स्लैब के सामानों (जैसे डिस्प्ले, बैटरी, चिपसेट) पर ITC का लाभ लेते थे। 28% स्लैब खत्म होने से अब ये कंपोनेंट्स 18% में आएंगे, जिससे ITC कम हो गया। निर्माताओं ने इस लागत को उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया, जिससे की कीमतें स्थिर रहीं।

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