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Nimesulide 100 MG बैन हो गई! जानें सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?

Why Nimesulide 100 MG Banned: केंद्र सरकार ने दर्द और बुखार की पॉपुलर दवा निमेसुलाइड (Nimesulide Ban) पर बड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 100 मिलीग्राम से ज्यादा डोज वाली सभी ओरल (खाने वाली) निमेसुलाइड दवाओं की मैन्यूफैक्चरिंग, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर तत्काल रोक लगा दी है। (Nimesulide Ban Above 100 mg India) ये बैन 29 दिसंबर 2025 की गजट नोटिफिकेशन से लागू हो गया है।

कम डोज वाली निमेसुलाइड दवाएं बाजार में उपलब्ध रहेंगी, और सेफर अल्टरनेटिव्स भी हैं। दवा कंपनियों को हाई डोज वाली दवाएं वापस मंगानी होंगी। फैसला ICMR और DTAB की सिफारिश पर लिया गया है। (ICMR DTAB Recommendation Nimesulide Ban)

निमेसुलाइड 100 एमजी बैन होने का कारण:

Reasons why Nimesulide 100mg is banned: स्वास्थ्य मंत्रालय की नोटिफिकेशन में कहा गया कि 100 mg से ज्यादा इमीडिएट रिलीज ओरल फॉर्मूलेशन ह्यूमन हेल्थ के लिए रिस्की हैं, और सेफर अल्टरनेटिव्स उपलब्ध हैं। (Nimesulide Health Risk) निमेसुलाइड एक NSAID दवा है, जो दर्द और बुखार कम करती है, लेकिन हाई डोज से हेपेटोटॉक्सिसिटी (लिवर डैमेज) का खतरा बढ़ता है। कई देशों में निमेसुलाइड पहले से बैन या रेस्ट्रिक्टेड है। भारत में पहले बच्चों (12 साल से कम) और वेटरनरी यूज पर बैन था।

बैन सिर्फ 100 mg से ज्यादा इमीडिएट रिलीज ओरल फॉर्मूलेशन पर है टैबलेट्स, कैप्सूल्स आदि। (Nimesulide Oral Above 100 mg Ban) कम डोज वाली निमेसुलाइड (100 mg या कम) बाजार में मिलती रहेंगी। कंपनियों को हाई डोज वाली दवाओं का प्रोडक्शन बंद करना होगा और स्टॉक रिकॉल करना पड़ेगा।

निमेसुलाइड का भारतीय मार्केट करीब 497 करोड़ का है, जो 11% सालाना ग्रोथ कर रहा था। (Nimesulide Sales India Rs 497 Crore) हाई डोज बैन से कुछ कंपनियों को नुकसान हुआ है.

ICMR ने हाई डोज पर पुअर सेफ्टी प्रोफाइल की रिपोर्ट दी थी। DTAB ने अप्रैल 2025 मीटिंग में हाई डोज बैन की सिफारिश की है। विशेषज्ञ कहते हैं कि ये पब्लिक हेल्थ के लिए अच्छा फैसला है।

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