World Theatre Day News In Hindi: प्रत्येक वर्ष 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाता है, यह दिन विश्वभर में रंगमंच और नाट्य कला के महत्व को बढ़ावा देने और थिएटर के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, विश्व रंगमंच दिवस मनाए जाने की शुरुआत 27 मार्च 1962 को की गई थी।
क्यों मनाया जाता है विश्वरंगमंच दिवस
विश्व रंगमंच दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1961 में इंटरनेशनल थिएटर इंस्टिट्यूट के द्वारा की गई थी, और 1962 में इसे पहली बार मनाया गया था, दुनिया को रंगमंच की अहमियत से अवगत कराने और इसकी व्यापकता को सभी के समक्ष लाने के लिए इसको मनाने का फैसला किया गया था.
भारतीय इतिहास और संस्कृति में नाट्य परंपरा
भारत में नाट्य कला अत्यंत पुरानी मानी जाती है, इसको प्रारंभ करने का श्रेय भरत मुनि को जाता है, जिन्होंने नाट्यशास्त्र की रचना की थी, यह नाटक, अभिनय, संगीत, नृत्य, रस सिद्धांत का एक प्राचीन ग्रंथ है, जिसमें 36 अध्याय और लगभग 6000 श्लोक हैं। नाट्यशास्त्र को पंचम वेद माना जाता है, इसमें 64 कलाओं का समावेश माना जाता है। माना जाता है भरतमुनि इन नाटकों के निर्देशक माने जाते हैं, स्वयं देवराज इंद्र अप्सराओं के साथ इन नाटकों में काम किया करते थे।
रीवा के महाराज विश्वनाथ सिंह ने लिखा था हिंदी का पहला नाटक
भारत इतिहास और संस्कृति में नाटकों का स्थान सर्वोपरि माना जाता है, कालिदास द्वारा रचित नाटकों को अनुपम स्थान प्राप्त है। लेकिन हिंदी साहित्य में नाटकों की रचना का प्रारंभ 19 वीं शताब्दी में हुआ। हिंदी का पहला नाटक आनंद रघुनन्दन को माना जाता है, जिसे रचा था रीवा के महाराज विश्वनाथ सिंह ने, यह नाटक चंपू शैली में रचा गया था, चंपू का अर्थ गद्य और पद्य दोनों की मिश्रित शैली को माना जाता है। हालांकि कुछ विद्वान ‘नहुष’ को हिंदी साहित्य का पहला नाटक मानते हैं, पर आचार्य शुक्ल आनंद-रघुनन्दन को ही पहला नाटक मानते हैं।