दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. ऐसी मान्यता हेै कि इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. साथ ही माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था.दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा सदियों पुरानी है
Dussehra Me Shastra Pooja Kyo Ki Jati Hai: दशहरा अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की विजय दशमी को मनाया जाता है.यह हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है इसी दिन देशभर में शस्त्र पूजा की जाती है.आज ही के दिन भगवान श्री राम ने राक्षस राज रावण का वध किया और माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का संहार किया।
दशहरे में शस्त्र पूजन की परंपरा बहुत पुरानी है रावण वध से पहले जब भगवान राम ने शस्त्र पूजा की तो उसके बाद सभी देवताओं ने भी शस्त्र पूजा की इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया, दोनों विजय एक ही तिथि को हुई तभी से इस दिन को विजय दशमी के रूप मनाया गया,साथ ही ऐसी मान्यता है की जब कोई राजा महाराजा पुराने समय में युद्ध के लिए जाते तो विजय प्राप्ति के लिए शस्त्र पूजा करतेआज ही के दिन ब्राम्हण विद्या प्राप्त करने के लिए चुने जाते थे.
Dussehra 2023: शस्त्र पूजा की सही विधि
- आयुध पूजा वाले दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शुभ मुहूर्त से पहले शस्त्र पूजन की तैयारी करें।
- पूजा से पहले शस्त्रों की सफाई करें फिर उनपर गंगाजल छिड़कें।
- इसके बाद महाकाली स्त्रोत का पाठ करें।
- अब शस्त्रों पर कुमकुम,हल्दी का तिलक लगाएं और पुष्प चढ़ाएं।
- फिर शस्त्र को धूप दिखाकर मिष्ठान का प्रसाद चढ़ाएं और सर्वकार्य सिद्धि की कामना करें।
किसका दर्शन शुभ होता है दशहरे में
दशहरे को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं . इस दिन नीलकंठ, राजा और शमी वृक्ष के दर्शन किये जाते हैं साथ ही दशहरा में पान खाना भी शुभ माना जाता है।