दक्षिण भारत के राज्यों पर चक्रवात मिचौंग का असर दिखाई देने लगा है. आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों में आसमान में काले बादलों का घेरा है. बहुत से इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. बंगाल की खाड़ी से 2 दिसंबर को उठा साइक्लोन मिचौंग 5 दिसंबर को दोपहर 1 बजे आंध्रप्रदेश के बापलटा के पास नेल्लोर-मछलीपट्ट्नम से टकराएगा।
आंध्रपदेश में साइक्लोन को लेकर हाई अलर्ट जारी है. राज्य सरकार ने तिरुपति, नेल्लोर, प्रकाशन, बापलटा, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, कोनसीमा, और काकीनाड़ा जिले में रेड अलर्ट जारी किया है.
किन-किन राज्यों में तबाही मचा सकता है मिचौंग?
5-6 दिसंबर को ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी के कई जिले चक्रवात की चपेट में आए हैं. यहां 5 और 6 दिसंबर को अधिकतम वर्षा हो सकती है. 5 दिसंबर को आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु से टकराने के बाद दूसरे राज्यों जैसे ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ेगा। जिस समय यह भारतीय राज्यों के तट से टकराएगा, उस समय 110 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। शाम 6 बजे तक इस चक्रवात की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटे हो सकती है
मध्यप्रदेश में मिचौंग का क्या असर होगा?
What will be the impact of Michong in Madhya Pradesh: मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात के बाद आमतौर पर बारिश होती है. इस बारिश की वजह से कुछ राज्यों में पारा गिर सकता है. राजस्थान और इसके आसपास के इलाकों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की हवाएं बह रही हैं. राजस्थान और मध्यप्रदेश के इलाकों में चक्रवात के रुट नहीं है. इसलिए वहां कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्सों में कोहरे व धुंध पड़ने की संभावना है.
चक्रवात का नाम मिचौंग क्यों रखा गया है?
Why is the cyclone named Michong: चक्रवात का नाम ‘मिचौंग’ म्यांमार द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जो लचीलापन और दृढ़ता का प्रतीक है. इस साल हिन्द महासागर में उठने वाला यह छठा और बंगाल की खाड़ी में बनने वाला चौथा चक्रवात है. इससे पहले भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि रविवार, 3 दिसंबर को दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवात मिचौंग बनने की उम्मीद है.
तमिलनाडु में 8 लोगों की मौत
तमिलनाड़ु में मंगलवार को बारिश में कमी आई. सोमवार को तूफ़ान ने चेन्नई में काफी तबाही मचाई है. अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. 16 घंटे से बंद चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हो गया है. 4 नवंबर को रनवे पर पानी भरने की वजह से करीब 70 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ी थी. 30 फ्लाइट्स बेंगलुरू डायवर्ट किए गए थे.