सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिन्दू देवी देवताओं को लेकर विवादित टिप्पणी की है. इस बार उन्होंने माता लक्ष्मी को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि 4 हाथ, 8 हाथ, 10 हाथ, 20 हाथ, हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है.
अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिन्दू देवी- देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. सोशल मिडिया ‘X’ पर पोस्ट करते हुए मौर्य ने कुछ तस्वीरें पोस्ट की जिसमें वह दिवाली के दिन अपनी पत्नी को टीका लगाते हुए नजर आ रहे हैं.
फोटो पोस्ट में उन्होंने ‘दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी की पूजा करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग, व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो आँख, एक सिर होता है. चार हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें। इसके साथ ही उन्होंने पत्नी के सम्मान में कहा कि ये सही मायने से देवी होती है, क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है.
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने पर क्या सजा होती है?
धारा 295 के तहत एक अपराध को ऐसे किसी अपराध के रूप में वर्णित किया जा सकता है जहां कोई व्यक्ति शब्द, लेखन, प्रतीक, छवि, प्रतिनिधित्व द्वारा किसी भी समूह की भवनाओं या धर्मिक विश्वासों को जानबूझकर चोट पहुंचाता है तो कहा जाता है कि उसने भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध किया है.
इस धारा के अंतर्गत परिभाषित अपराध एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है. इस तरह के मामलों में अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है. इस तरह के अपराध में समझौता नहीं किया जा सकता है. दोषी साबित होने पर जेल या जुर्माने या दोनों ही सजा हो सकती है.
स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही?
लोगों का कहना है कि कहीं न कहीं यूपी सरकार का उन पर नरम रवैया ये दर्शाता है कि उन्हें सरकार से हिन्दू विरोधी टिप्पणियों के लिए छूट मिल चुकी है. उनकी टिप्पणी पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्ण ने अपने बयान में कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के मुंह में बवासीर है. मै योगी सरकार से कहूंगा कि उनके बोलने पर पाबन्दी लगाई जाए.
रामचरित मानस पर भी सवाल उठा चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने पहले भी रामचरित मानस और हिन्दू मंदिरों पर टिप्पणी करके विवाद खड़ा किया था. एक बयान में उनके द्वारा कहा गया था, बीजेपी ‘ब्राह्मण धर्म’ को ‘हिन्दू धर्म’ मानती है, जिसका अनुसरण केवल दस प्रतिशत लोग करते हैं. लेकिन हिन्दू धर्म जैसा कुछ नहीं है. इसके अलावा रामचरित मानस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि महाकाव्य रामचरित मानस के कुछ छंद एक बड़े वर्ग का अपमान करते हैं. साथ ही उन्होंने दावा किया था कि आठवीं शताब्दी में हिन्दू तीर्थ स्थल बनने से पहले बद्रीनाथ एक बौद्ध मठ हुआ करता था.