बाबा महामृत्युंजय मंदिर में दुनिया का एकमात्र 1001 छिद्र वाला शिवलिंगम स्थापित है, फिर भी यह केदारनाथ, अमरनाथ, उज्जैन महाकाल और काशी विश्वनाथ धामों की तरह प्रसिद्द नहीं है.
Mahamrityunjay Mandir Rewa: मध्य प्रदेश में एक जिला है रीवा, जहां एक मात्र 1001 छिद्रों वाला शिवलिंगम स्थापित है. जैसे काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है, उज्जैन बाबा महाकाल की उसी तरह रीवा भी बाबा महामृत्युंजय की नगरी है. महामृत्युंजय मंदिर रीवा शहर के शाही किला (Rewa Royal Fort) परिसर में स्थापित है.
रीवा की जनता हमेशा से जानना चाहती है कि जब महामृत्युंजय शिवलिंगम दुनिया का अनोखा और एकलौता 1001 छिद्र वाला शिवलिंग है तो यह बाकी शिवालयों जैसे, काशी के बाबा विश्वनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर, गुजरात के बाबा सोमनाथ, आंध्रप्रदेश के मल्लिकार्जुन, मालवा के ओंकारेश्वर, उत्तराखंड के बाबा केदारनाथ और बाबा बैधनाथ की तरह प्रसिद्ध और विश्विख्यात क्यों नहीं है? जबकि महामृत्युंजय की महिमा तो ऐसी है जो मृत्यु पर भी विजय पाती है.
महामृत्युंजय मंदिर अन्य शिव मंदिरों की तरह प्रसिद्द और विकसित क्यों नहीं है?
बाबा महामृत्युंजय मंदिर बाकी शिवालयों की तरह विकसित और विश्वविख्यात ना होने के पीछे दो कारण हैं. अपन उन्ही दो कारणों को अच्छे से समझने की कोशिश करते हैं
कारण नंबर-1: महामृत्युंजय मंदिर 12 ज्योतिर्लंगों में से एक नहीं है
पुराणों के अनुसार महादेव शिव ज्योति के रूप में प्रकट हुए थे. भारतवर्ष के अलग-अलग 12 स्थानों में दिव्य ज्योति के रूप में परमात्मा विराजमान हुए थे. इन 12 प्रकाश स्तंभ को ही 12 ज्योतिर्लिंग कहा जाता है, जो स्वयंभू हैं. लेकिन महामृत्युंजय मंदिर इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नहीं है.
12 ज्योतिर्लंगों के नाम
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग- गुजरात मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग- आंध्र प्रदेश महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- उज्जैन मध्य प्रदेश ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग- मालवा मध्य प्रदेश भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग- पुणे महाराष्ट्र घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग- संभाजी नगर महाराष्ट्र बाबा विश्वनाथ- काशी उत्तर प्रदेश त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग- नासिक महाराष्ट्र बाबा बैधनाथ ज्योतिर्लिंग- परगना झारखंड नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- बड़ौदा गुजरात रम्मेश्वर ज्योतिर्लिंग- रामनाथम तमिलनाडु घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग- औरगंगाबाद महाराष्ट्र.
कारण नंबर 2: महामृत्युंजय मंदिर प्राइवेट है
जिन 12 विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के बारे में हमने बताया वो सरकार के अधीन है. इसी लिए सरकार ही इनका डेवलपमेन्ट करती है. जैसे केंद्र और राज्य सरकार ने उज्जैन महाकाल मंदिर में महाकाल लोक का निर्माण किया, उससे पहले बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण हुआ, गुजरात में सोमनाथ कॉरिडोर का निर्माण हुआ. मगर महामृत्युंजय के डेवलपमेन्ट को लेकर सरकार चाहकर भी कोई विकासकार्य नहीं कर सकती. क्योंकी इस मंदिर में रीवा राजघराने का अधिपत्य है.
क्या भविष्य में महामृत्युंजय कॉरिडर बनेगा
ऐसी संभावनाओं को पूरी तरह से ख़ारिज तो नहीं किया जा सकता. जब पिछले साल उज्जैन में महाकाल लोक का पीएम मोदी उद्घाटन कर रहे थे, तब महामृत्युंजय मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम का लाइव प्रसारण चल रहा था. इस कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व मंत्री और रीवा विधायक ने कहा था कि बाबा महामृत्युंजय की कृपा रही तो यहां भी अवश्य कॉरिडोर का निर्माण होगा. हालांकि ऐसे किसी प्रोजेक्ट की चर्चा आधिकारिक रूप से कभी नहीं हुई.