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आखिर क्यू फलों का राजा है आम, अकेले रीवा में 237 किस्में, लॉकडाउन, लाटसाहब, कैंपू, सुदरजा है नाम

आम। अपने खट्रटे-मीठे स्वाद एवं बहुतायत मात्रा में पैदावर होने के चलते आम को फलों का राजा कहा जाता है। आम की देश भर में तकरीबन 1500 किस्में मौजूद है। मध्यप्रदेश के रीवा में अकेले 237 तरह के आम पाए जाते है। गर्मी शुरू होते ही आम के फल आने लगते है। तेज गर्मी में आम का स्वाद लोगो को हर तरह से मिलता है। आम इतना गुणकारी है कि इसका सेवन लोग कच्चे आम से ही करना शुरू कर देते है। गर्मी के चार महीने आम हर घर में अपनी पकड़ मजबूत रखता है। तरह-तरह से लोग आम का सेवन करते है।

रीवा में पाए जाते है ये आम

जानकारी के तहत रीवा समेत विंध्य क्षेत्र में आम बहुतायत पाया जाता है। यहां का सबसे मशहूर सुंदरजा आम है। यह अपनी मिठास के लिए पहचाना जाता है। इसे शुगर पेशेंट भी खा सकते है। इस आम की डिमांड देश ही नही विदेशों में भी है। रीवा में सिंदुरा आम, लगड़ा आम, आम्रपाली, मालदहा, अंडाकार समेत तकरीबन 237 तरह के आम पाए जाते है। जो कि अपने अलग-अलग तरह के गुणों एवं स्वाद में इनकी पहचान है। सुदरजा आम को जीआई का टैग भी मिला हुआ है।

देश-विदेश के नामों से नर्सरी में मौजूद आम

रीवा के कुठुलिया नर्सरी में आम के एक-से-बढ़कर-एक पेड़ मौजूद है। यहां लगड़ा, दशहरी, आम्रपाली, सुदरजा के साथ ही रीवा राज्य के राजा महाराजाओं के नाम पर आम मौजूद है। यहा का गुलाब भोग, रीवा के महाराज गुलाब सिंह के नाम से मशहूर है। इसके अलावा यहा अंग्रेजों के समय पर तैयार किए गए लाटसाहब, कैंपू, इरविन आदि तरह के आम यहा मौजूद है। इतना ही लॉकडाउन के नाम से भी यहा आम पाया जाता है। बताते है कि लॉकडाउन के समय आर्मो की बिक्री कंम हो गई थी। जिसके चलते आर्मो का नाम लॉकडाउन रख दिया गया था।

बड़ा लाभकारी है आम

आम में मौजूद फाइबर एवं विटामिन के चलते बड़ा ही लाभकारी है। आम पाचन क्रिया को ठीक करता है। यह ऑखो की रोशनी को बढ़ाता है। शरीर की स्किन को चमकदार बनाता है। कैंसर जैसी बीमारी में भी आम लाभकारी है। आम में गर्मी तापघात से बचाव के लिए गुण मौजूद है, यही वजह है कि लोग लू एवं गर्मी से बचाव करने के लिए कच्चे आम का पना बनाकर उसका सेवन करते है।

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