भारत ने 47 साल में छठी बार फ़्रांस को न्योता भेजा। 1976 से लेकर अब तक 5 बार फ़्रांस के राष्ट्रपति को रिपब्लिक डे के लिए आमंत्रित कर चुका है. इसी साल PM मोदी भी फ़्रांस की बैस्टिल डे परेड में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बार गणतंत्र दिवस पर आने से मना कर दिया था.
Chief Guest ON Republic Day 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इनकार के बाद भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह पर शामिल होने के लिए फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को न्योता भेजा है. अगर मैक्रों भारत का इन्विटेशन स्वीकार करते हैं तो ऐसा छठी बार होगा जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति भारत की रिपब्लिक डे परेड में शामिल होंगे। इसी साल PM मोदी भी फ़्रांस की बैस्टिल डे परेड में शामिल होने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री थे. इस परेड में भारत की तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते के 269 जवानों ने परेड में हिस्सा लिया था.
इमैनुएल मैक्रों को ही क्यों न्योता दिया गया?
Why has only French President Emmanuel Macron been invited on Republic Day: बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन को रिपब्लिक डे परेड के लिए बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया है. हालांकि अमेरिका की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं मिला था. इसके बाद 12 दिसंबर को खबर आई थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन रिपब्लिक डे 2024 यानी गणतंत्र दिवस के लिए भारत नहीं आएंगे। 26 जनवरी के दौरान उनका शेड्यूल काफी बिजी है. यही वजह रही कि इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांसीसी राष्ट्रपति को न्योता दिया गया है. फ़्रांस के राष्ट्रपति ने भी न्योता स्वीकार कर लिया है.
भारत-फ़्रांस के रिश्ते कैसे हैं?
भारत को लेकर फ़्रांस के स्टैंड दूसरे पश्चिमी देशों से अलग है. कई बार अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी, भारत को लेकर सवाल खड़े करता है. फ़्रांस इनकी तुलना में भारत के आतंरिक मामलों में काफी कम हस्तक्षेप करता है. यही वजह है कि भारत और फ़्रांस के रिश्ते में कोई मन मुटाव नहीं है.
जहां तक बात की जाए इमैनुएल मैक्रों की छवि की तो बता दें कि साल 2020 में उन्हीं की सरकार में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर विवाद हुआ था. जिसमें कुछ कट्टरपंथियों द्वारा कार्टून की वजह से एक फ़्रांसिसी शिक्षक सैमुअल पेटी की हत्या कर दी थी. जिसके बाद कई मुस्लिम देशों में फ़्रांस का विरोध शुरू हो गया. भारत में भी फ़्रांस का विरोध हुआ.
कट्टरपंथियों का कहना था कि PM मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति से अपील करें कि वे माफ़ी मांगे। लेकिन फ़्रांसिसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कट्टरपंथियों की मांग को ठुकरा दिया। साथ ही कई यूरोपियन देशों का साथ भी फ़्रांस को मिला। PM मोदी ने भी अपना स्टैंड फ़्रांस के साथ रखा.
लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में उनको न्योता भेजने पर ही भारत में कट्टरपंथियों द्वारा विरोध के सुर उठाए जाने लगे हैं. सोशल मीडिया में अभी से इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ बातें शुरू हो गई हैं.
अब तक कितने फ्रांसीसी राष्ट्रपति भारत आए?
How many French Presidents visited India on Republic Day: 1976 से लेकर भारत अब तक 5 बार फ़्रांस के राष्ट्रपति को रिपब्लिक डे के लिए आमंत्रित कर चुका है. पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक्स शिराफ़ (1976) थे. इसके बाद 1980 में वैलेरी गिस्कार्ड और 1998 में जैक्स शिराफ़ 2008 में निकोलस सरकोजी और 2016 में फ्रेंकोइस हॉलैंड शामिल हुए थे. अब मैक्रों इस लिस्ट में छ्ठे फ्रांसीसी राष्ट्रपति होंगे।