Aatm Manthan :आपको नहीं लगता ! दिन ब दिन बेहतर बनने की खुद को निखारने की एक चाह होना बहोत ज़रूरी है ज़िंदगी में, क्योंकि इससे हमें सही दिशा मिलती है एक उद्देश्य मिलता है जीने का, पर ये बात तब ग़लत हो जाती है जब हम ये साबित करने में लग जाते हैं कि हम सही हैं अच्छाई की राह पर हैं वो भी किन्हें जो हम पर कोई न कोई इल्ज़ाम लगाने का बहाना ढूंढते रहते हैं।
सफाई देने में क्यों करें समय बर्बाद :-
जब हमें खुद पर यक़ीन हो कि हम जो कर रहे हैं वो हमारे लिए सही है तो भला हम सबको क्यों समझाएँ कि हम सही हैं ,क्या ये ज़रूरी है ? हम शांत नहीं रह सकते ये भी तो एक सर्वोत्तम गुण है कि हम किसी से बहस न करें, क्रोध को पास न आने दें। दरअसल ये इसलिए भी ज़रूरी है कि सच्चे मार्ग में चलने पर कठिनाइयाँ आना तो तय है क्योंकि ये लीग से हटके काम है। दूसरी तरफ जब हम कुछ अलग करते हैं तो एक नये और खूबसूरत मक़ाम की ओर बढ़ रहे होते हैं , हमें अपने रास्ते के काँटे खुद हटाने होते हैं इसलिए भी रास्ता कठिन हो जाता है।
कैसे बन सकते हैं किसी की प्रेरणा :-
जब हम खुद को सही साबित करते हैं तो एक व्यर्थ काम करते हैं जिसमें हमारा समय तो बर्बाद होता ही है ,इस कोशिश में हम लोगों से उलझकर उन्हीं बुराइयों में फंसने लगते हैं जिनसे हम निकलना चाहते हैं और ये भूल जाते हैं कि अगर हम सही मार्ग पर हैं तो मंज़िल हमें ज़रूर मिलेगी ,एक न एक दिन हमारी कामियाबी का शोर मच ही जाएगा। जब हमारी मंज़िल दुनिया से जुदा मगर सबसे उम्दा होगी तो लोग हमसे सवाल तो करेंगे लेकिन सफाई मांगने के लिए नहीं बल्कि मार्ग प्रशस्त करने के लिए क्योंकि तब हम उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत होंगे। ग़ौर ज़रूर करूयेगा इस बात पर फिर मिलेंगे आत्म मंथन की अगली कड़ी में ,धन्यवाद।
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