Monali Thakur Is A Very Talented Singer :उन्हें सुन के ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल है कि उनकी आवाज़ का रंग कौनसा है क्योंकि एक अलग ही एहसास है उनकी आवाज़ की तासीर का ,जो कभी शोख़,कभी मासूम, कभी दमदार तो कभी एकदम चटख़ रंग पेश करता है हमारे सामने ,जिसे आप बखूबी महसूस कर सकते हैं गीत ‘हवा के झोके आज मौसमों से रूठ गए…’और ‘मोह मोह के धागे ..’ जैसे गानों में और अपने इसी हुनर की वजह से वो किसी तार्रुफ़ की मोहताज नहीं हैं, जी हाँ ये हैं मोनाली ठाकुर, जिनकी कामियाबी ने एकदम से शोर नहीं मचाया है बल्कि ये बचपन से अपना लोहा मनवाती आईं हैं तो चलिए आज एक नज़र डालते हैं उनके इस सफर पर जिसकी शुरुआत हुई थी सन 1999 में।
गीत ही नहीं नृत्य में भी है दिलचस्पी :-
3 नवम्बर 1985 को कोलकत्ता, में जन्मी मोनाली ठाकुर, बंगाली संगीत परिवार से ताल्लुक़ रखती हैं उनके पिता शक्ति ठाकुर बंगाली पार्श्व गायक और अभिनेता थे और उनकी बहन मेहुली ठाकुर बंगाल में ही पार्श्व गायिका हैं। मोनाली ने भारतीय संगीत की शिक्षा पंडित जगदीश प्रसाद और अजय चक्रवर्ती से गृहण की है और स्कूल कॉलेज में म्यूज़िक कॉम्पटीशन में हिस्सा लेती रहीं।
मोनाली ने मणिपुरी ,हिप-हॉप ,साल्सा और भरतनाट्यम भी सीखा है इसलिए हाव भाव को सुरों से व्यक्त करना भी उन्हें आता है। 1999 में, उन्होंने अनुपम दत्ता के संगीत निर्देशन में ,पुलक बंद्योपाध्याय की लिखी फिल्म ‘चेना चेना ‘में अपने करियर का पहला गाना गाया। ये बंगाली में बच्चों का गीत था जिसका शीर्षक था , “चोई चोई चोई टिपी टिपी” इसी साल मोनाली ने , बंगाली धारावाहिक ‘श्री रामकृष्ण’ का शीर्षक ट्रैक रिकॉर्ड किया । इसके लिए उन्हें 14 साल की उम्र में ‘आनंदलोक’ पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार मिला फिर सन 2000 में आपने बंगाली फिल्म ‘सजोनी आमार सोहाग’ के गाना ‘सुंदर काटो सुंदर’ कविता कृष्णमूर्ति , गौतम घोष और प्रतीक चौधरी के साथ गाया था।
अनु मलिक ने दिया बॉलीवुड में चांस :-
मोनाली को हममें से बहोत लोग तबसे जानते हैं जब 2005 में उन्होंने इंडियन आइडल 2 में नौवें पायदान में जगह बनाई थी और यहीं से सबने ये मान लिया कि भले ही वो ये कॉम्पटीशन जीत नहीं पाईं हैं लेकिन मोनाली ठाकुर के अंदर इतना माद्दा है कि वो अपने हर गीत को अपना मुख्तलिफ़ रंग दे सकती हैं हालाँकि छह महीने तक चले अपने इस कॉम्पटीशन के बारे में वो कहती हैं कि वो ज़्यादातर घबराई हुई रहती थीं और स्टेज पर चढ़ते ही उन्हें डर लगने लगता था पर काश ! आज जैसे वो तब भी सुरों से खेल पाती ,मज़ा ले पाती। उनकी इस बात से हम ये अंदाज़ा लगा सकते हैं कि शायद इसी वजह से ‘इंडियन आइडल ‘के बाद भी उन्हें फिल्म संगीत में अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए बहोत संघर्ष करना पड़ा तब कहीं जाकर ,2006 की फिल्म ‘जान-ए-मन ‘ में “क़ुबूल कर ले” गीत गाने के लिए मिला जिसे अनु मलिक ने संगीतबद्ध किया था और मोनाली की प्रतिभा का अंदाज़ा उसी वक़्त लगा लिया था ,जब वो ‘इंडियन आइडल ‘ में जज थे और मोनाली को गाते हुए देख रहे थे। इसके बाद 2008 में, उन्हें संगीत निर्देशक प्रीतम चक्रवर्ती ने बॉलीवुड फ़िल्म ‘रेस ‘ के लिए दो गाने गाने का प्रस्ताव दिया जिसके बोल थे – “ख्वाब देखे” (सेक्सी लेडी) और “ज़रा ज़रा टच मी” जिसके बाद मोनाली के पक्के सुरों का लोहा उनके फैंस के साथ पूरे संगीत जगत ने माना। इसी साल प्रीतम के संगीत निर्देशन में फिल्म ‘गोलमाल रिटर्न्स ‘के लिए आपने “म्याऊ” गीत गाया।
हर रंग सध जाता है, सुरों में :-
मोनाली ने ‘एखाने आकाश नील’ का शीर्षक ट्रैक गाया , जो हिंदी धारावाहिक’संजीवनी ‘ का बंगाली रीमेक है और जिसने मोनाली की आवाज़ और अंदाज़ की दिलनशीं छठा बिखेरी तो वहीं फिल्म ‘बिल्लू बारबर’ से ‘खुदाया खैर’ ने धूम ही मचा दी जिसके बाद उनके गाए गीतों की झड़ी लग गई। इस बंगाली बाला की आवाज़ जितनी मीठी बंगाली गीतों में लगती है, उतनी ही शीरी हिंदी में भी लगती है, जिसका अंदाज़ा आप ख़ास तौर पर 2011 की बंगाली फिल्म ‘फाइटर’ के गानों, ‘ओ शोना एशोना’ और ‘मोन बंजारा’ में आसानी से लगा सकते हैं। इसके अलावा आतिफ असलम के साथ फिल्म ‘तेरे नाल लव हो गया’ से ‘तू मोहब्बत है. ‘अय्या’ फिल्म से शाल्मली खोलगड़े के साथ ‘आगा बाई. .’ फिल्म ‘अपराजिता तुमी’ में ‘शैडो टेल्स..’ ‘लुटेरा’ फिल्म से ‘सवार लूं.. .’ और ‘बाग़ी’ से ‘छमछम..’ ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ का टाइटल ट्रैक ‘और फिल्म ‘दम लगा के हईशा ‘ में ‘मोह मोह के धागे …’ जैसे गाने तो जाने क्या क्या कहते हैं मोनाली ठाकुर की दिलकश गायकी के बारे में।
मोनाली जब बहोत छोटी थी तब एक बंगाली टेलीविजन शो, ‘आलोकितो एक इंदु ‘ में दिखाई दीं , जिसमें उन्होंने इंदुबाला की मुख्य भूमिका निभाई। इसके बाद दो टेलीफिल्में आईं , जिसमें सुदेशना रॉय की ‘फागुन अगुन ‘ भी शामिल थी , जिसमें आप उन्हें रुमान के किरदार में देख सकते हैं। राजा सेन की बंगाली फिल्म ‘कृष्णकांतेर विल ‘ से बाकायदा अदाकारी की शुरुआत की , जिसमें उन्होंने भ्रोमोर की भूमिका निभाई। 2014 में, उन्होंने नागेश कुकुनूर की ‘लक्ष्मी ‘ से बॉलीवुड में शुरुआत की । उन्हें 2014 की फिल्म ‘पीके’ में एक कश्मीरी लड़की की अतिथि भूमिका अदा की। फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार में भी एक कैमियो रोल निभाया है। नमित दास के साथ ‘ जिंगल बेल्स ‘ नाम की एक लघु फिल्म में भी काम किया फिर ‘ लक्ष्मी’ फिल्म में भी काम किया है।
सम्मानों से मिली ख़ुशी :-
फिल्म ‘दम लगा के हईशा ‘(2015) के गाने “मोह मोह के धागे” के लिए ,सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्म लुटेरा (2013) के गाने “सवार लूं” के लिए ,सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता है। वो ज़ी टीवी के सिंगिंग रियलिटी शो सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स 2014 की जज थीं और लगातार दो सीज़न के लिए कलर्स टीवी के राइजिंग स्टार की संगीत ज्ञाता या विशेषज्ञ भी थीं।
पर्सनल लाइफ को लेकर भी रहीं चर्चा में :-
मोनाली ठाकुर ने 2017 में स्विट्जरलैंड के एक रेस्टोरेंट मालिक माइक रिक्टर से शादी की थी मगर उसे काफी दिनों तक छुपा के रखा पर फिर शादी टूटने की ख़बरों ने अचानक तहलका मचा दिया।

