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क्यों हमें दुनिया अच्छी नहीं लगती

मंथन। आपको नहीं लगता ये दुनिया बहुत खूबसूरत है बस हमारे पास इसे देखने का खूबसूरत नज़रिया होना चाहिए और अगर ये नज़रिया सबके पास हो तो कोई दुनिया से बेज़ार न हो, अब सवाल ये उठता है कि अपना नज़रिया कैसे अच्छा रखा जाए तो इसके लिए शायद हमें किसी भी चीज़ के दोनों पहलुओं को देखना चाहिए और दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि किसी भी काम के दो पहलू होते ही हैं जो उसे सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम देते हैं और उन्हीं पर हमारा दृष्टिकोण टिका होता है तो ज़ाहिर है परिणाम बेहद महत्व पूर्ण होता है, उसी के आधार पर हम आगे के कई और फैसले लेते हैं ,कई नीतियां बनाते हैं।

फैसले वो करें जिसमें सबका हित निहित हो

तो पहले तो सबका अच्छा सोचकर कोई फैसला लेना चाहिए घर परिवार से ऊपर उठकर समाज और देश के बारे में सोचने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि हमारा कोई भी निर्णय सीधे तौर पर न सही पर हमारे देश पर असर ज़रूर डालता है क्योंकि हम छोटी कड़ी सही पर हमसे ही समाज और देश का निर्माण होता है कई सामाजिक नीतियों का सूत्रपात होता है जो देश के ,सांस्कृतिक या आर्थिक अवधारणाओं को प्रभावित करती हैं।

कोशिश करें हमारी वजह से किसी का बुरा न हो

ज़रूरी है कि हम दुनिया को खूबसूरत समझें और इसमें कहीं कोई दाग़ दिखे तो उसे साफ करने की कोशिश भी करें ,भले ही वो हमारी सोच में ही क्यों न हो, सर्व सम्मति से निर्णय लें कम से कम अपने समाज को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाए, जिससे देश की तरफ भी हमारा दायित्व कुछ हद तक पूरा हो सके,काम वो ही करें जिसमें हमारा फायदा हो न हो किसी का नुकसान न हो तभी हम खुद को और अपने परिवार के साथ देश को समृद्ध बना सकेंगे ।

बस छोटे-छोटे क़दम बढ़ाने हैं

हमारी या हमारे परिवार की वो धारणाएं जिनमें कुछ बदलावों की ज़रूरत हो, तो उस पर ध्यान दें और उन्हें बदलकर एक नई पहल करें ताकि समाज में भी कुछ बदलाव हो सकें ,कोई हमसे प्रेरणा ले सके। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए हमें बहुत बड़े क़दम नहीं उठाने है बल्कि हमारे छोटे छोटे रोज़मर्रा के कार्य ही हमारे प्रयासों में शामिल हो सकते हैं बशर्ते हम उन कामों को ये सोचकर ही करें कि ये कोई एक दिन की बात नहीं है ,ये काम तो हमें नियम से रोज़ ही करना है, इन कामों में, रोज़ की घर बाहर की सफाई से लेकर हमारे घर से निकले किसी भी लिक्विड वेस्ट का सही निपटान भी शामिल है, जिससे पहले तो हमारा घर साफ सुंदर स्वच्छ लगता है तो वहीं पहले समाज और फिर हमारे देश का विकास भी होता है, बीमारियां हमसे दूर रहती हैं,हमारे ज़रिए हमारी कॉलोनी का नाम रौशन होता है कई लोग हमसे प्रेरणा लेकर और जनहित से जुड़े काम करते हैं। ग़ौर ज़रूर करिएगा इस बात पर फिर मिलेंगे आत्म मंथन की अगली कड़ी में धन्यवाद

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