जब भी बारिश का मौसम आता है, तो माहौल बड़ा ही खुशनुमा हो जाता है। साथ ही एक भीनी से खुशबू हर तरफ फैल जाती है, जिससे माहौल में सकारात्मकता फैल जाती है जिसे पेट्रीकोर (Petrichor) कहा जाता है। लेकिन क्या अपने कभी सोचा है, की आखिर बारिश होने पर या मिट्टी में पानी पड़ने पर ये भीनी सी खुशबू आती क्यों है? अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके पीछे के साइंस के बारे में बताएंगे.
ये है मिट्टी की भीनी खुशबू का राज़
मिट्टी की इस प्यारी सी खुशबू का राज़ है मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया जिसे “एक्टिनोमायसीट्स (Actinomycetes)” कहा जाता है। ये सूक्ष्मजीव सुखी मिट्टी में होता है और “जियोस्मिन (Geosmin)” नाम का एक यौगिक (compound) बनाता है, फिर जैसे ही मिट्टी में बारिश की बूंद गिरती है, तो यौगिक हवा में उड़ने लगता है, जिसे हम मिट्टी की भीनी खुशबू कहते हैं। साथ ही पौधे की जड़े अलग अलग तरह का तेल बनाती है जो सुखी मिट्टी में फैल जाता है और बारिश होते ही उस तेल की महक हर जगह फैल जाती है।
क्या इस बैक्टीरिया को सूंघने से कोई बीमारी होती है?
जैसा कि हमने ये जाना कि मिट्टी में जो बैक्टीरिया होते है उनके उड़ने से ये भीनी सी खुशबू आती है, लेकिन क्या ये बैक्टीरिया सेहत के लिए हानिकारक हैं? इसका जवाब है नहीं क्योंकि ये बैक्टीरिया नुकसान दायक नहीं होते हैं, लेकिन यदि किसी को धूल मिट्टी से एलर्जी है जिसे हम “Allergic Rhinitis” (एलर्जिक राइनाइटिस) कहते है अगर वे लोग ज्यादा पास से मिट्टी को सूंघते है या मिट्टी के स्पर्श में आते हैं तो उन्हें छींक, जुकाम या शरीर में खुजली और आंख में जलन हो सकती है।