बार-बार पुतिन ही क्यों बनते हैं रूस के राष्ट्रपति?

दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने हैं. सोशल मीडिया में फैली तमाम अफवाहों के बीच पुतिन को रूस की 88% जनता ने 5वीं बार अपना राष्ट्रपति चुना है. मार्च में जब रूस में आम चुनाव हुए थे तब पुतिन के विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4% वोट मिले थे। फिर भी जनता से वोटों के चुनकर आए पुतिन की ताजपोशी का अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देश बहिष्कार कर रहे हैं. इन देशों का मानना है कि व्लादिमीर पुतिन डेमोक्रेसी से चुनकर राष्ट्रपति नहीं बने हैं.

जाहिर है आपके मन भी भी ये सवाल उठता होगा कि आखिर पुतिन ही क्यों बार-बार रूस के राष्ट्रपति बनते हैं? क्या वहां भी चीन और नार्थ कोरिया जैसे राष्ट्रपति चुने जाते हैं? क्या पुतिन रूस के तानाशाह बन गए हैं? ऐसे ही सवालों के जवाब आज हम आपको इस वीडियो में देने वाले हैं.

पुतिन साल 2000 में पहली बार रूस के प्रेसिडेंट बने थे, 2004 में भी रशियन वोटर्स ने उन्हें अपना नेता माना, 2012 में भी भारी वोटों से पुतिन चुनाव जीते, 2018 में भी राष्ट्रपति बने और अब 2024 में पांचवी बार रूस की कमान संभाल रहे है. पुतिन चाहते तो, 2008 में भी राष्ट्रपति बन सकते थे लेकिन उन्होंने ये पद प्रधानमंत्री रह चुके नेता दमित्री मेदवेदेव को दिया और खुद प्रधान मंत्री बन गए. दमित्री ने 2008 में राष्ट्रपति रहते संविधान में संशोधन किया और राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढाकर 6 साल कर दिया। इसके बाद 2012 से पुतिन फिर से लगातार प्रेसिडेंट बनते रहे. 2020 से पहले रूस में प्रेसिडेंशियल इलेक्शन का नियम अमेरिका जैसा था मतलब एक व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता। पुतिन ने इसे संविधान संशोधन कराकर खत्म कर दिया। अब रूस में राष्ट्रपति बनने की कोई सीमा नहीं रह गई। पुतिन के इस फैसले का बाकी दुनियावालों ने विरोध किया तो उन्होंने अपने फैसले को सही ठहराने के लिए जनमत संग्रह करवा दिया, रूस के 60% वोटर्स ने इसमें हिस्सा लिया और 76% वोटर्स ने पुतिन के पक्ष में वोट डाला। इसी के साथ पुतिन का सन 2036 तक राष्ट्रपति बनने का रास्ता क्लियर हो गया.

72 साल के पुतिन 5वीं बार राष्ट्रपति बने हैं. वे चाहें तो 84 साल की उम्र तक 6 वीं और 7वीं बार भी रूस के राष्ट्रपति बन सकते हैं. पुतिन न सिर्फ दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति कहलाते हैं बल्कि ऐसी भी ख़बरें उठती रहती हैं कि उनके पास दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति है, उनकी बेटियां रूस की सबसे अमीर महिलाऐं हैं. पुतिन की छवि एक राष्ट्रवादी नेता की है, जो विभाजित हो चुके सोवियत संघ को फिर से एक देश बनाने का मकसद ठाने हुए हैं. इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने की बात करते है. उदाहरण के लिए सबसे ताजा मामला यूक्रेन है. तो जो लोग यह कहते हैं कि पुतिन एक तानाशाह हैं उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि रूस के 88% वोटर्स ने उन्हें 5वीं बार अपना लीडर चुना है. यूक्रेन में हमले के बाद तो पुतिन मिलने वाला वोट प्रतिशत और बढ़ गया है. ये जानकारी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट कर जरूर बताएं और ऐसे ही कंटेंट्स के लिए शब्द सांची को फॉलो करते रहें

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