Postprandial Somnolence: क्या आपने कभी महसूस किया है कि दोपहर का स्वादिष्ट भोजन करने के बाद अचानक आंखें भारी हो जाती हैं और सोफे पर लेटने का मन करने लगता है? यह कोई जादू नहीं, बल्कि शरीर का एक रहस्यमय खेल है! आज हम आपको बताते हैं इस ‘फूड कोमा'(Food Coma) की असली वजह, वो भी वैज्ञानिक तथ्यों के साथ। चलिए, जानते हैं खाने के बाद आने वाली इस नींद का कारण और इससे बचने का तरीका।
खाना खाने के बाद नींद आना क्या बीमारी है?
खाना खाने के बाद नींद आना, जिसे ‘पोस्टप्रैंडियल सोम्नोलेंस'(Postprandial Somnolence) कहते हैं, एक सामान्य लेकिन अजीबोगरीब अनुभव है। दुनिया भर में करोड़ों लोग इसकी गिरफ्त में आते हैं। लेकिन चिंता मत कीजिए, यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर की स्मार्ट रणनीति है। शरीर की गुप्त प्रक्रिया विज्ञान के अनुसार, यह सब पाचन तंत्र की जादुई दुनिया से जुड़ा है। जब हम खाना खाते हैं, तो शरीर ‘रेस्ट एंड डाइजेस्ट’ मोड में चला जाता है।
यहां है खाना खाने के बाद तुरंत आने के कुछ प्रमुख कारण:
- रक्त प्रवाह का चालाकी भरा खेल: खाना पचाने के लिए रक्त आंतों की ओर दौड़ता है, जिससे मस्तिष्क को कम ऑक्सीजन मिलती है। नतीजा? आलस्य और नींद का हमला!
- इंसुलिन का जादू और tryptophan का कमाल: कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन (जैसे चावल या रोटी) खाने पर इंसुलिन हार्मोन रिलीज होता है। यह ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड को मस्तिष्क में पहुंचाता है, जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन बनाता है – ये दोनों नींद के जादूगर हैं!
- वसा और प्रोटीन का योगदान: भारी-भरकम फैटी फूड्स हार्मोन जैसे कोलेसिस्टोकिनिन को ट्रिगर करते हैं, जो नींद को बुलावा देते हैं। साथ ही, पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होकर शरीर को आराम मोड में डाल देता है।
ऑफिस में Lunch Break के बाद नींद आने से कैसे बचे
अगर आप भी ऑफिस में लंच ब्रेक के बाद तुरंत नींद का शिकार हो जाते है जिसकी असर आपकी परफॉरमेंस में पड़ता है तो इस मुसीबत से बाहर निकलने के कुछ उपाय आप अपना सकते हैं: जैसे हल्का भोजन लें, खाने के बाद टहलें, या कैफीन का सहारा लें। लेकिन याद रखें, कभी-कभी यह नींद शरीर की जरूरत भी हो सकती है!