सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा जब तक कोर्ट आदेश नहीं देती, सरकार ‘कुछ नहीं करेगी’.
मामला मुजफ्फरनगर के एक स्कूल टीचर द्वारा क्लास में एक बच्चे को बाकि बच्चों से थप्पड़ मरवाने का है. वही मामला जिसका वीडियो इस साल अगस्त में वायरल हुआ था. टीचर ने धर्म का हवाला देते हुए दूसरे बच्चों से पिटवाया था. सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को इस मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पीड़ित बच्चे की यूपी सरकार की ओर से काउंसलिंग न कराए जाने पर सख्त टिप्पणी की है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस ए. एस ओक और पंकज मित्तल की बेंच ने कहा कि जब तक कोर्ट आदेश नहीं देती, सरकार कुछ नहीं करेगी। कोर्ट ने 25 सितंबर के अपने पिछले आदेश के पालन में देरी पर निराशा जाहिर की. ये भी सवाल किया कि क्या इतनी देरी के बाद छात्र की काउंसलिंग का कोई मकसद पूरा होगा।
कोर्ट ने कहा की,
“जब तक हम अनुमति नहीं देंगे, वो कुछ नहीं करेंगे. आपको स्टैंड लेना होगा कि आप कुछ करेंगे या केवल अपनी साख बचाना चाहते हैं. हमने 25 सितंबर को आदेश दिया था. अगर आपके राज्य में छात्र के साथ ऐसा ट्रीट किया जाता है, तो अब तीन महीने बाद एक्सपर्ट काउंसलिंग का क्या मतलब है?”
यह देखते हुए कि घटना में शामिल किसी भी बच्चे के लिए कोई काउंसलिंग नहीं की गई थी, कोर्ट ने मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट सोशल साइंसेज (TISS) से काउंसलिंग के तरीके का सुझाव देने के लिए कहा है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोपी स्कूल टीचर तृप्ता त्यागी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है.
इस मामले पर वायरल वीडियो में टीचर तृप्ता त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने एक मुश्लिम बच्चे के धर्म का हवाला देते हुए, छात्र को क्लास के दूसरे बच्चे से पिटवाया था. टीचर पर आरोप हैं कि उन्होंने मुस्लिम बच्चों के बारे में अपमानजनक बातें कि थी.
खैर वीडियो के सामने आने के बाद टीचर तृप्ता त्यागी ने सार्वजनिक माफ़ी भी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि मैंने छात्रों से मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने को कहा था, लेकिन इसके पीछे कोई सांप्रदायिक मकसद नहीं था.