Swati Maliwal Assault Case: दलीलें सुनकर स्वाति कोर्ट रूम में ही रोने लगीं। उन्होंने बताया कि बिभव कोई साधारण आदमी नहीं है, उसको मंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं प्राप्त हैं. उसे जमानत मिली तो मुझे खतरा हो सकता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
Swati Maliwal Assault Case: स्वाति मालीवाल से मारपीट केस में सोमवार 27 मई को केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार की जमानत याचिका पर तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। बिभव ने 25 मई को कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुनवाई के दौरान स्वाति भी कोर्ट में पहुंची थीं. बिभव के वकील हरिहरन ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि सेंसेटिव बॉडी पार्ट्स पर जब चोट के निशान नहीं मिले तो गैर इरादतन हत्या की कोशिश का सवाल ही नहीं उठता है और न ही बिभव का स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था। ये चोटें खुद को पहुंचाई जा सकती हैं। बिभव के वकील ने यह भी कहा कि पुराने जमाने में ऐसे आरोप कौरवों पर लगे थे, जिन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था। स्वाति ने यह FIR 3 दिन बाद पूरी प्लानिंग करके दर्ज कराई थी.
Swati Maliwal Case: दलीलें सुनकर स्वाति कोर्ट रूम में ही रोने लगीं। उन्होंने बताया कि बिभव कोई साधारण आदमी नहीं है, उसको मंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं प्राप्त हैं. उसे जमानत मिली तो मुझे खतरा हो सकता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में बिभव के वकील ने कहा कि सीएम हाउस से सीसीटीवी फुटेज पहले ही बरामद कर लिए गए हैं, इसलिए उसमें टेम्परिंग या छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं बनता है। पुलिस जांच के लिए भी बिभव पहले दिन से मौजूद रहे हैं। हम केवल जमानत की मांग कर रहे हैं, बरी करने के लिए हमारी अपील नहीं है।
बिभव की जमानत से मुझे और मेरे परिवार को खतरास्वाति का दावा: स्वाति मालीवाल
स्वाति मालीवाल ने कोर्ट में कहा कि मेरा बयान दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुझे भाजपा का एजेंट बताया गया। उनके पास एक बड़ी ट्रोल मशीनरी है, उन्होंने मशीनरी को पंप किया है। आरोपी को पार्टी के नेता ही मुंबई ले गए। यदि उसे जमानत पर रिहा किया गया तो मुझे और मेरे परिवार के लिए खतरनाक हो सकता है.
सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में बर्खास्त हुए थे बिभव कुमार
मार्च 2024 में बिभव को सीएम के निजी सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए ये नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है। राजशेखर ने ये आदेश 2007 के एक मामले के आधार पर दिया।
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दरअसल, 2007 में बिभव कुमार के ऊपर एक सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट का आरोप लगा था। नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात अधिकारी महेश पाल ने बिभव कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर उन्हें ड्यूटी करने से रोका। इतना ही साथ गाली और धमकी दी। महेश ने 25 जनवरी 2007 को नोएडा सेक्टर-20 के पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी एक्शन लिया गया था।