Site icon SHABD SANCHI

‘माई लॉर्ड’ कहने पर क्यों परेशान हुए जज साहब?

SUPREEM COUIRT

SUPREEM COUIRT

सुप्रीम कोर्ट के जज ने 3 नवंबर को नियमित मामले की सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा, ‘आप कितनी बार ‘माई लॉर्ड’ कहेंगे? यदि आप यह कहना बंद कर देंगे, तो मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा।

सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने न्यायिक कार्यवाही के दौरान वकीलों द्वारा बार-बार ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कहे जाने पर नाखुशी जताई है. न्यायमूर्ती पी. एस. बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को एक नियमित मामले की सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि ‘आप कितनी बार ‘माई लॉर्ड’ कहेंगे? अगर आप यह कहना बंद कर देंगे, तो मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा।

सम्बोधन से परेशान हुए जज साहब

बता दें कि, बहस के दौरान, न्यायाधीशों को हमेशा ‘माई लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर सम्बोधित करते हैं. प्रथा का विरोध करने वाले अक्सर इसे औपनिवेशिक युग का अवशेष और गुलामी की निशानी कहते हैं.

‘सर’ कहने की दी सलाह

जज नरसिम्हा ने वकील से कहा कि, ‘आप इसके वजाय ‘सर’ का उपयोग क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा कि अन्यथा वह गिनना शुरू कर देंगे कि वरिष्ठ अधिवक्ता ने कितनी बार ‘माई लॉर्ड’ शब्द का उच्चारण किया।

बीसीआई ने 2006 में एक प्रस्ताव पारित किया था

भारतीय विधिज्ञ परिषद् (बीसीआई ) ने 2006 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें निर्णय लिया गया था कि कोई भी वकील न्यायाधीशों को ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर सम्बोधित नहीं करेगा, लेकिन व्यवहार में इसका पालन नहीं किया गया.

Exit mobile version