बांग्लादेश में 2024 में हुए आम चुनाव में पीएम शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी आवामी लीग लगातार चौथी बार सरकार बनाने में रहीं। इसके बाद से ही विपक्षी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगी दल के नेता घरेलू राजनीति में भारत पर दखल का आरोप लगाते हुए भारतीय सामानों बहिष्कार करने की मुहिम चला रहे हैं.
बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेताओं की ओर से चलाई जा रही भारत विरोधी मुहिम के बीच शेख हसीना सरकार भारत से पचास हजार टन प्याज आयात करेगी। हसीना सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 27 मार्च को इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अबुल हसन ने की थी.
पीएम शेख हसीना सरकार का यह कदम इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगी दल के नेता वहां भारत के प्रभाव को खत्म करने के लिए वहां ‘इंडिया आउट कैंपेन’ चला रहे हैं. इसके तहत, वो बांग्लादेश में भारतीय चीजों को बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं. हाल ही में बीएनपी के नेता रुहुल कबीर रिजवी ने कश्मीरी शॉल को जला दिया था. जिसके बाद बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे भारतीय मसालों के बिना खाना खा सकते हैं.
शेख हसीना ने ये भी कहा कि जब विपक्षी पार्टी अपने कार्यालय के सामने अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां जलाएंगे, तभी यह साबित होगा कि वे वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट के अनुसार ‘वाणिज्य मंत्रालय की एक सरकारी संस्था ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ बांग्लादेश जी-टू-जी आधार पर भारत के नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड से प्याज आयात करेगा। हालांकि प्याज की कीमत क्या होगी, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है. कैबिनेट डिवीजन के एडिशनल सेक्रेटरी का कहना है कि भारत से प्याज आयात की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट समिति के पास भेजा जाएगा। उस समय प्याज की दर का खुलासा किया जा सकता है.
बांग्लादेश में भारतीय सामानों का बहिष्कार क्यों?
बांग्लादेश में विपक्षी नेताओं का कहना है कि भारत के समर्थन के कारण ही बांग्लादेश के एकतरफा चुनाव और शेख हसीना की सरकार को वैश्विक मान्यता मिली है. इसलिए इंडिया आउट कैंपेन के माध्यम से भारत और उसके उत्पादों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि हाल ही के वर्षों में बांग्लादेश के लोगों में भारत विरोधी भावना बढ़ी है. इसके पीछे की वजह बताते हुए जानकार कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते हैं जो बांग्लादेश के मुसलमानों को रास नहीं आता. लेकिन भारत विरोध की सबसे बड़ी वजह भारत का शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को समर्थन देना है जो पिछले 15 सालों से सत्ता में बनी हुई है. बीएनपी के कार्यकर्ता कहते हैं कि आवामी लीग 15 सालों में इसलिए सत्ता में बनी हुई है क्योंकि उसे भारत का समर्थन हासिल है.