लोकसभा चुनाव और देश की राजनीति में ST-SC, OBC, ब्राह्मण-ठाकुर के बाद नए विवाद ने जन्म ले लिया है. इस नए विवाद की वजह है ‘मुस्लिम आरक्षण’. प्रधान मंत्री मोदी ने इस शब्द का कई बार अपने चुनावी भाषण में इस्तेमाल किया है, वे ये आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस और विपक्षी दल देश के आरक्षित वर्ग के हिस्से का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देना चाहती है. वहीं पीएम की बयानबाजी को लालू प्रसाद यादव के लेटेस्ट वीडियो ने पुख्ता भी कर दिया जिसमे वे ये कहते दिखाई दे रहे हैं कि मुसलमानों को पूरा आरक्षण मिलना चाहिए।
लेकिन ऐसा तो है नहीं कि बीजेपी शासित राज्यों में मुस्लिमों को आरक्षण नहीं मिलता। बिलकुल मिलता है. दरअसल पीएम मोदी मुस्लिमों के धर्म के आधार पर आरक्षण देने के खिलाफ हैं. कहने का मतलब है कि कोई मुस्लिम है सिर्फ इस आधार पर उसे आरक्षण नहीं दिया जा सकता क्योंकि देश का संविधान ऐसा करने की इजाजत भी नहीं देता है. लेकिन राहुल गांधी अपने मेनिफेस्टो में आरक्षण के 50% के दायरे को खत्म करने की बात जरूर करते हैं.
जैसे ST-SC और OBC आरक्षण धर्म के नाम पर नहीं बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन, और अल्पसंख्यक होने के आधार पर मिलता है. इस दायरे में सभी धर्म के लोग शामिल है. यहां तक कि EWS में गरीब सवर्ण भी आरक्षण के दायरे में आते हैं. संविधान का अनुच्छेद 15 और 16 कहता है कि किसी को सिर्फ धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। लेकिन तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, और केरल में मुसलमानों को 4% से लेकर 12% तक आरक्षण दिया जाता है जहां कुछ राज्यों में इन्हे OBC में शामिल कर आरक्षण दिया जाता है. और ऐसा नहीं है कि बीजेपी मुसलमानों को आरक्षण देना ही नहीं चाहती, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, गुजरात जैसे बीजेपी रूल्ड राज्यों में OBC मुसलमान आरक्षण के दायरे में आते हैं और इसका लाभ भी उठाते हैं.
अब बात करें लालू प्रसाद यादव के वीडियो कि, तो हाल ही में उन्होंने इंटरव्यू दिया था. जिसमे उन्होंने पीएम मोदी को लोकतंत्र खत्म करने वाला नेता बताते हुए कहा कि मुसलमानों को पूरा रिजर्वेशन मिलना चाहिए, हालांकि विवाद बढ़ा तो उन्होंने सफाई देते हुए ये भी कहा कि मैंने ही मंडल कमीशन लागू किया था और आरक्षण सामाजिक आधार पर होता है धर्म के आधार पर नहीं होता। लेकिन लालू के बयान पर पीएम मोदी का भी रिएक्शन आया. मध्य प्रदेश के धार में एक सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा- इंडि गठबंधन के सहयोगी दल ने इनके इरादों की पुष्टि कर दी है, उनका कहना है कि मुसलमानों को पूर्ण आरक्षण मिलना चाहिए। ये लोग ST-SC-OBC का सारा आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में आरक्षण के दायरे को 50% से बढ़ाने की बात कही है. और इसी बात को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना दिया है. और वैसे भी संविधान और कोर्ट के बनाए कानून का किस राज्य में पालन हो रहा है? शायद ही ऐसा कोई राज्य होगा जहां 50% से कम आरक्षण दिया जाता है. मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां 73% आरक्षण है, यही हाल अन्य राज्यों में भी है जहां सामान्य वर्ग की सीटों को काट-काट कर आरक्षण का दायरा मनमानी बढ़ाया गया है और कोर्ट में ये सभी मामले पेंडिंग हैं.