Madhya Pradesh Next CM Name: कर्नाटक के बसवराव बोमई को फेस बनाकर हाथ जला बैठी बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश में CM फेस इसलिए नहीं बनाया ताकि एंटी इंकंबैंसी को खत्म किया जा सके. और यह फैसला बिलकुल सही साबित हुआ. प्रदेश की जनता ने उन्हें भरपूर प्यार दिया है.
MP New CM Name: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. BJP ने प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को चारो खाने चित्त कर दिया है. कांग्रेस की इतनी बड़ी हार हुई है कि इसे भूलने में उसे कई साल लग सकते हैं. लेकिन अब एक सवाल जटिल इसलिए हो गया है कि क्योंकि शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने इस इस चुनाव में जिस तरह से मेहनत की है और जिस तरह से उनकी महिला कल्याण वाली नीतियों की पॉपुलैरिटी देखने को मिली है. तो ऐसे में अब एक सवाल खड़ा होता है कि क्या शिवराज को मुख्यमंत्री का फेस बनाया जायेगा? कर्नाटक के बसवराव बोमई को फेस बनाकर हाथ जला बैठी बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश में CM फेस इसलिए नहीं बनाया ताकि एंटी इंकंबैंसी को खत्म किया जा सके. पर यहां तो उल्टा साबित हो गया. जनता विशेषकर महिलाएं शिवराज चौहान की लाड़ली बहना स्किम से इतनी प्रभावित थी की उन्हें भर-भर कर वोट दिया। फिर भी सवाल यही है ‘मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा?’ (Who will become the next Chief Minister of Madhya Pradesh?)
पर पार्टी ने जिसे सीएम फेस नहीं बनाया था, क्या उसे पांचवीं बार CM के लिए शिवराज सिंह का नाम प्रस्तावित करेगी? तो फिर शिवराज नहीं तो और कौन है दावेदार? शिवराज सीएम नहीं बनते है तो सबसे ऊपर किसका नाम चल रहा है इन्ही सब कयासों और सवालों पर हम बात करेंगे। शिवराज अगर मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा आदि का नाम लिया जा रहा है. तो आइये देखते हैं सबसे अधिक संभावना किसकी मुख्यमंत्री बनाने की हो सकती है. हालांकि हाल के दिनों में दल में ऐसी परिपाटी बानी है. कि ऐन मौके पर पार्टी सरप्राइज देती रही है. फिर भी कुछ नाम खंगालते हैं प्लस और माइनस पॉइंट्स के साथ.
शिवराज सिंह चौहान का नाम सॉलिड बना हुआ है
इसमें कोई शक नहीं की प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान का नाम काफी बड़ा है. शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) जन-जन के नेता बन गए हैं. प्रदेश की राजनीति में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए लग रहा है कि उन्हें पार्टी सीएम पद के लिए महफूज रखेगी। लेकिन जैसा कि केंद्रीय नेतृत्व से उनके संबंध हैं, उनका पांचवा टर्म पूरा करने में मुसीबत बन सकता है. एक बात और है जो राजनितिक पंडित और बड़े पत्रकार कह रहे हैं कि, हो सकता है पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव तक शिवराज सिंह को सीएम बनाए रखे. फिर उसके बाद शिवराज को केंद्र की राजनीति में भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है. शिवराज सिंह चौहान की उम्र भी समकक्ष नेताओं से कम होने की वजह से उनको फायदा मिल सकता है.
अगर केंद्रीय नेतृत्व बदलाव की सोचता है तब
ज्योतिरादित्य सिंधिया बनेंगे एमपी सीएम?
मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी को खारिज नहीं किया जा सकता है. फिलहाल, केंद्रीय मंत्री की भूमिका निभा रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं की ज्योतिरादित्य सिंधिया की तमन्ना है कि, वो प्रदेश के मुखिया बने. कांग्रेस को छोड़ने का भी यही कारण रहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था. सिंधिया जब से भाजपा में आए हैं तबसे लगातार बहुत मेहनत कर रहे हैं. ग्वालियर रीजन की 6 में से पांच सीट भाजपा के खाते में गई हैं. ये आंकड़े उनकी दावेदारी को और मजबूत कर रहे हैं. कल परिणाम भाजपा के पक्ष में आते ही उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी वो उसका निर्वहन करेंगे. हालांकि, भाजपा आलाकमान उन्हें मध्य प्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना बना रही है, इसे लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं है.
कैलाश विजयवर्गीय हो सकते हैं मध्य प्रदेश के चीफ मिनिस्टर?
मध्य प्रदेश चुनाव माहौल के बीच भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय भी सीएम पद के उम्मीदवारी के चलते सुर्ख़ियों में बने रहें. इंदौर-1 से टिकट मिलने के बाद से ही विजयवर्गीय ऐसे बयान दे रहे हैं जैसे उन्हें ही सीएम बनाया जाएगा। चुनाव प्रचार के दौरान विजयवर्गीय ने कहा मैं भोपाल से बैठ के इसारा करूँगा और आपका काम हो जाएगा। इससे पहले भी वो कह चुके थे कि मैं सिर्फ विधायक बनाने नहीं आया हूँ. पार्टी की तरफ से मुझे बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी तो काम भी बड़ा करूँगा। पर राजनितिक पंडितों की माने तो पार्टी ने उन्हें सीएम मटेरियल कभी नहीं समझा। हालांकि ये राजनीति संभावनाओं का खेल है और कभी भी कुछ भी हो सकता है. इसलिए इंतज़ार करना ज्यादा उचित होगा।
वीडी शर्मा होंगे अगले मुख्यमंत्री?
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वो एमपी राजनीति में छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं. हालांकि उन्हें विधानसभा नहीं लड़ाया गया लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान कई ऐसे संकेत मिले हैं. जिसकी वजह से उनके नाम की चर्चा होती है. चुनाव प्रचार के दौरान वीडी शर्मा की प्रधानमंत्री के साथ कानाफूसी से राजनीति के कई महारथियों के कण खड़े हो गए हैं. इंदौर में एक रोड शो के दौरान पीएम के साथ सिर्फ उन्हें बस देखकर उनके सीएम बनाने की कयास लगाई जा रही है. पर 2024 की राणनिति में उनका ब्राह्मण होना सबसे बड़ा ड्रॉबैक हो सकता है. कारण है कि पिछड़ों की राजनीति का कार्ड जिस प्रकार से कांग्रेस खेल रही है. इस वजह से भाजपा की किसी भी स्वर्ण को सीएम फेस बनाएगी ऐसा लगता तो नहीं है. शर्मा की उम्र शिवराज की शैली और नड्डा की नजदीकी उनके नाम को वजनदार बनती जरूर हैं.
प्रह्लाद पटेल बनेंगे एमपी के मुख्य मंत्री?
प्रह्लाद पटेल को जब से विधानसभा का टिकट मिला है तब से राजनितिक गलियारों में उनके नाम को लेकर चर्चा गरम हैं. अटल बिहारी से लेकर मोदी सरकार तक वह मंत्री रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान के बाद वह सबसे बड़े OBC नेता हैं. यही उनका सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है. OBC वोटरों को साधने के लिए बीजेपी एमपी में बड़ा दांव खेल सकती है. क्योंकि 6 महीने बाद ही लोकसभा का चुनाव है.
क्या नरेंद्र सिंह तोमर बनेंगे एमपी के अगले मुख्यमंत्री?
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी सीएम पद के लिए लिया जा रहा है. एमपी में चुनाव प्रवंधन समिति के संयोजक बनाए जाने के बाद से ही इनके नाम की चर्चा थी. केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए केंद्र ने भेजा तब से ऐसा लगा जैसे उनके नाम की मोहर ही लग गई हो. हालांकि तोमर इससे इंकार करते रहे. पर बात आकर वहीं फस जाती है कि इंकार तो सिंधिया भी करते रहे हैं. मुरैना में एक बार मिडिया से कहा कि भाजपा सामूहिक नेतृत्व वाला दाल है. सबने मिलकर चुनाव लड़ा है. परिणाम आने के बाद ही मुख्यमंत्री चयन की प्रक्रिया पूरा किया जाएगा। हालांकि जब से उनके बेटे का वसूली वाला वीडियो वायरल हुआ है इससे उनकी छवि कमजोर जरूर हुई है. पर हाईकमान की वो हमेशा से पसंद रहे हैं. इसलिए उनकी चर्चा से इंकार नहीं किया जा सकता।