Haryana Politics : एक तरफ हरियाणा में नई सरकार शपथ लेने जा रही है, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी विधायक दल का नेता चुनने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस ने हरियाणा में नायब सैनी सरकार के शपथ ग्रहण के अगले दिन यानी 18 अक्टूबर को विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक बुलाई है। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली बैठक में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी। Haryana Politics
विधानसभा चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे ने हरियाणा से बाहर के तीन नेताओं की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। कमेटी के अध्यक्ष राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। उनके साथ पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और वरिष्ठ नेता अजय माकन को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। विधायक दल की बैठक में ये तीनों नेता भी मौजूद रहेंगे। इनकी मौजूदगी में कांग्रेस विधायक दल का नेता तय किया जाएगा। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिछले पांच साल से विधायक दल के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।
कांग्रेस को लगातार तीसरी बार विपक्ष में बैठना पड़ेगा।
कांग्रेस को इस बार भी विपक्ष में बैठना पड़ेगा। हुड्डा विरोधी खेमा विधानसभा चुनाव में हार के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। कांग्रेस के कई नेता अब आरोप लगा रहे हैं कि टिकट आवंटन से लेकर चुनाव प्रचार तक में एकतरफा रवैया अपनाने के कारण कांग्रेस हारी है। ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दोबारा विधायक दल के नेता चुने जाने की संभावना कम है। सीएलपी नेता के लिए तीन नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
संगठन इन लोगों के नामों पर मंथन कर रहा है। Haryana Politics
इनमें पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई शामिल हैं। अशोक अरोड़ा और गीता भुक्कल हुड्डा के करीबियों में गिने जाते हैं। चंद्रमोहन बिश्नोई पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा के करीबी माने जाते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि सीएलपी नेता के लिए शैलजा की ओर से चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया गया है। चंद्रमोहन बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे हैं।
हरियाणा सरकार में मंत्री रहे अशोक अरोड़ा का नाम सबसे आगे ।
थानेसर से उप सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को हराकर विधानसभा पहुंचे अशोक अरोड़ा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बार गैर जाट कार्ड खेलकर अरोड़ा पर दांव लगा सकती है। पंजाबी समुदाय के अशोक अरोड़ा लंबे समय से इनेलो में सक्रिय हैं। वे इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। कई साल पहले वे इनेलो छोड़कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए थे।
क्या हरियाणा में बदला जाएगा प्रदेश अध्यक्ष? Haryana Politics
कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को हटाकर चौधरी उदयभान को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। उदयभान ने कुर्सी संभालते ही ऐलान किया था कि अगले कुछ दिनों में संगठन का गठन कर दिया जाएगा, लेकिन वे अपना संगठन भी नहीं बना पाए। उदयभान खुद होडल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन हार गए। ऐसे में अब केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। एक बार फिर नए अध्यक्ष के लिए कुमारी शैलजा का नाम चर्चाओं में आ गया है।