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MP: जानें कौन हैं प्रदेश के नए डीजीपी

MUKESH MAKWANA

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MP New DGP: मकवाना वर्तमान में डीजीपी सुधीर सक्सेना की जगह लेंगे। मकवाना दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे। बता दें कि वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। जो कि 4 मार्च 2024 को प्रदेश के डीजीपी नियुक्त हुए थे. कैलाश मकवाना का साढ़े तीन साल के अंदर 7 बार ट्रांसफर हुआ था.

MP New DGP: मध्यप्रदेश सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली है. उनका नाम भी सामने आ चुका है. बता दें कि प्रदेश के नए डीजीपी 1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर कैलाश मकवाना (Kailash Makwana) होंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव के विदेश यात्रा में जाने के बाद शनिवार देर रात गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। कैलाश मकवाना वर्तमान में एमपी पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमैन हैं। अब वे प्रदेश के 32 डीजीपी (32nd DGP of MP) होंगे। आदेश के मुताबिक मकवाना 1 दिसंबर 2024 को प्रदेश के नए पुलिस डीजी के रूप में पदभार संभालेंगे।

मकवाना वर्तमान में डीजीपी सुधीर सक्सेना की जगह लेंगे। मकवाना दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे। बता दें कि वर्तमान डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। जो कि 4 मार्च 2024 को प्रदेश के डीजीपी नियुक्त हुए थे. कैलाश मकवाना का साढ़े तीन साल के अंदर 7 बार ट्रांसफर हुआ था. कमलनाथ सरकार के दौरान वे तीन बार इधर से उधर किए गए थे.

कब संभालेंगे पद?

सीएम डॉ. मोहन यादव 24 नवंबर से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे। संभावना जताई जा रही है कि सीएम के विदेश दौरे से लौटने के बाद ही कैलाश मकवाना पदभार ग्रहण करेंगे।

तीन नाम हुए थे फाइनल

प्रदेश सरकार की तरफ से DGP के लिए 9 नाम भेजे गए थे. दिल्ली में बीते गुरुवार हुई बैठक में 3 नामों के पैनल तैयार किए गए थे. इनमें 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना का नाम पहले नंबर पर था. इसके बाद 1988 बैच के आईपीएस और डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार और 1989 बैच के आईपीएस और ईओडब्ल्यू डीजी अजय शर्मा के नाम शामिल थे.

दमदार अफसर की छवि रखते हैं मकवाना

प्रदेश के नए डीजीपी कैलाश मकवाना इस समय मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं. शिवराज सरकार के कार्यकाल में मकवाना लोकायुक्त के डीजी थे. हालांकि वे छह महीने ही इस पद पर रहे. दरअसल मकवाना ने लोकायुक्त में डीजी बनते ही भ्र्ष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में तेजी ला दी थी. उन्होंने ठंडे बस्ते में पड़ी कई लंबित जांचों की फ़ाइल खोली और जांच शुरू की.

उन्होंने अपने एसीआर सुधरवाने के लिए मध्यप्रदेश शासन से 9 महीने पहले अपील की थी. उन्होंने रिप्रेजेंटेशन भेजते हुए सरकार से कहा था कि लोकायुक्त संगठन में डीजी रहने के 6 महीने के दौरान उनकी एसीआर ख़राब कर दी गई.

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