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कौन हैं प्रभुनाथ सिंह, जिन्हे उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जज को कहना पड़ा ‘अब भगवान ही मालिक’

रामनारायणरामनारायण

प्रभुनाथ को उम्रकैद

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इन्हे डबल मर्डर का दोषी पाया गया है.

प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद: बिहार के पूर्व सांसद और RJD नेता प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने डबल मर्डर का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को 5-5 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है.

प्रभुनाथ सिंह के ऊपर लगे आरोपों को लेकर चल रही सुनवाई में एक मोड़ ऐसा भी आया जब सुप्रीम कोर्ट के जज मामला जानकर दंग रह गए. सुनवाई के दौरान ‘जस्टिस संजय किशल कौल’ ने कहा- हमारे पास दो विकल्प हैं ‘या तो हम जीवन दें या मौत’ फिर जस्टिस विक्रम नाथ ने पुछा कि प्रभुनाथ की उम्र क्या है? तो वकील ने बताया वो 70 साल के हैं, यह सुनकर जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा ‘तब तो भगवान ही मालिक हैं’ आज से पहले ऐसा केस नहीं देखा!

प्रभुनाथ सिंह को इसी मामले में पटना की कोर्ट ने 2008 में बरी कर दिया था. बाद में 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही बताया इसके बाद पीड़ित के भाई सुप्रीम कोर्ट गए जहां उन्हें न्याय मिला।

इस मामले को लेकर 18 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने प्रभुनाथ को 1995 में हुए डबल मर्डर का दोषी मान लिया था. फ़िलहाल 70 साल के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह झारखंड के हजारीबाग केन्दीय जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे हैं.

क्या है मामला

बात 1995 की है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 वर्ष के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.दोनों का दोष इतना ही था कि उन्होंने प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था. यह वही चुनाव था जब अशोक सिंह ने प्रभुनाथ को चुनाव में हरा दिया था. इसके बाद ही प्रभुनाथ ने 90 दिन के अंदर अशोक सिंह की हत्या करवाने की धमकी दी थी. 3 जुलाई, 1995 को अशोक सिंह की हत्या कर दी और यह हत्या उनके विधायक बनने के 90वें दिन हुई थी.

कौन हैं प्रभुनाथ

प्रभुनाथ सिंह 1985 में पहली बार मशरख से निर्दलीय विधायक बने थे. 1990 में उन्होंने लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD में जुड़ गए और फिर से विधायक बने, 1998, 2004 और 2013 में महराजगंज से लोकसभा चुनाव जीते।

प्रभुनाथ सिंह ने एक बार चुनाव के दौरान तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार को भी धमकी दी थी. उन्होंने डीएम को कफ़न खरीदने के लिए कहा था. प्रभुनाथ सिंह की पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से भी रंजिश रही है. दोनों गुटों के बीच कई बार गैंगवार हुई थी.

प्रभुनाथ ने एक बार सोनिया गांधी को विदेशी मूल का बताते हुए कहा था कि मुझे तो उनका चेहरा उनकी आवाज और उनकी भाषा पसंद नहीं है. वो हमेशा RJD प्रमुख लालू की तारीफ करते थे और नितीश कुमार की आलोचना करते रहते थे.

सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन 1995 में दो वोट के लिए दो लोगों की हत्या कराने के आरोप ने प्रभुनाथ सिंह के राजनीतिक सफर में पूर्ण विराम लगा दिया। 28 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी पाते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई।

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