कौन हैं जस्टिस बी वी नागरत्ना जो बनेंगी देश की पहली महिला CJI

Who is Justice BV Nagarathna, India’s first woman CJI: भारत के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, जब जस्टिस बी वी नागरत्ना (Justice BV Nagarathna) 2027 में देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) बनेंगी। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ जज के रूप में अपनी भूमिका और न्यायिक दृष्टिकोण के लिए जानी जाने वाली जस्टिस नागरत्ना का यह सफर प्रेरणादायक है। आइए, उनके जीवन, शिक्षा, परिवार और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।

जस्टिस बी वी नागरत्ना की शिक्षा

Education of Justice BV Nagarathna: जस्टिस बी वी नागरत्ना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से पूरी की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से स्नातक की डिग्री हासिल की और उसके बाद कानून की पढ़ाई पूरी की। उनकी शैक्षिक योग्यता ने उन्हें एक मजबूत आधार प्रदान किया, जिसके बल पर उन्होंने कानूनी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। उनकी शिक्षा और बौद्धिक क्षमता ने उन्हें जटिल कानूनी मामलों को समझने और निष्पक्ष फैसले देने में मदद की है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना का परिवार

Family of Justice BV Nagarathna: जस्टिस नागरत्ना का परिवार न्यायिक और सामाजिक मूल्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उनके पिता, जस्टिस ई एस वेंकटरमैया (Justice ES Venkataramiah), भारत के 19वें मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। यह अनूठा संयोग है कि जस्टिस नागरत्ना और उनके पिता दोनों ने देश के सर्वोच्च न्यायिक पद को सुशोभित किया। उनके परिवार ने हमेशा कानून और नैतिकता के प्रति समर्पण को प्राथमिकता दी है, जो उनकी कार्यशैली में भी झलकता है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना का फैमिली बैकग्राउंड

Family Background of Justice BV Nagarathna: जस्टिस नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को हुआ था। उनके पिता जस्टिस ई एस वेंकटरमैया एक प्रतिष्ठित जज थे, जिन्होंने 1989 में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। यह दूसरा मौका होगा जब भारत में पिता-पुत्री की जोड़ी मुख्य न्यायाधीश के रूप में इतिहास रचेगी, इससे पहले जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ और उनके बेटे जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ऐसा कर चुके हैं। जस्टिस नागरत्ना का पारिवारिक परिवेश शिक्षा, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी से ओतप्रोत रहा है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना की जीवनी

Biography of Justice BV Nagarathna: जस्टिस बी वी नागरत्ना ने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की और बाद में कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) में जज के रूप में नियुक्त हुईं। 2021 में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट की जज बनाया गया। वर्तमान में वह सुप्रीम कोर्ट की पांचवीं सबसे वरिष्ठ जज हैं और 25 मई, 2025 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सदस्य बन चुकी हैं। वह 23 सितंबर, 2027 से 29 अक्टूबर, 2027 तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगी, हालांकि उनका कार्यकाल केवल 36 दिनों का होगा। फिर भी, यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

जस्टिस बी वी नागरत्ना की उपलब्धियां

Achievements of Justice BV Nagarathna: जस्टिस नागरत्ना ने अपने न्यायिक करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। वह सुप्रीम कोर्ट में छह साल और दो महीने तक सेवा देने वाली सबसे लंबे समय तक कार्यरत महिला जज होंगी। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक नीतियों, महिला सशक्तिकरण, और पारिवारिक विवादों जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं। अप्रैल 2025 में, उन्होंने बेंगलुरु में एक सम्मेलन में कहा कि महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता परिवारिक विवादों का कारण नहीं है, बल्कि समाज का दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है। इसके अलावा, उन्होंने जस्टिस वी आर कृष्ण अय्यर के सिद्धांतों का समर्थन करते हुए उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को अनुचित बताया, जिससे उनकी स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक सोच का परिचय मिलता है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना न केवल अपनी कानूनी विशेषज्ञता के लिए, बल्कि लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए भी जानी जाती हैं। उनका मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल, भले ही संक्षिप्त हो, भारतीय न्यायपालिका में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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